लखनऊ के अस्पतालों में बिस्तरों की कमी से नहीं मिल पा रहा उचित इलाज

punjabkesari.in Saturday, Apr 17, 2021 - 03:53 PM (IST)

लखनऊ, 17 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अस्पतालों के बिस्तरों की कमी के कारण 65 वर्षीय एक महिला के परिवार को उचित इलाज की प्रतीक्षा है।

बीमार महिला के पौत्र ने बताया कि मेरी दादी को भर्ती नहीं किया जा सका क्योंकि लखनऊ के अस्पतालों में बिस्तर खाली नहीं हैं। उसने कहा, ‘‘हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने के बावजूद कोई आश्वासन नहीं मिला। ऑक्सीजन का स्तर जो 66 पर था अब घटकर 40 के करीब पहुंच गया है।’’ उन्होंने बताया कि उनके एक रिश्‍तेदार का भी आक्‍सीजन स्‍तर 65 पहुंच गया है लेकिन उनका भी इलाज शुरू नहीं किया जा सका है। इसके अलावा शहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति को लेकर भी संकट बना हुआ है।

राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, लखनऊ के निदेशक डॉक्टर एके सिंह से जब संपर्क किया गया उन्होंने कहा, "फिलहाल हमें एक दिन में 300 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है और एक समय में 45 सिलेंडर उपयोग में होते हैं जिनमें से अधिकांश की खपत वेंटिलेटर इकाइयों में होती है।''''
उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि हमारे पास 150 खाली सिलेंडर हैं और हमने इसके लिए राज्य सरकार के समक्ष अपनी बात रखी है।

इसके बाद उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से बातचीत की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीते 13 अप्रैल को ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा पीटने का आरोप लगाया था। यादव ने अपने ट्वीट में कहा था, ''''उप्र में कोरोना से जो हाहाकार मचा है उसके लिए भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा क्यों पीटा। टीका, टेस्‍ट, डॉक्टर, बेड, एंबुलेंस की कमी, टेस्‍ट रिपोर्ट में देरी व दवाई की कालाबाजारी पर भाजपा सरकार चुप क्यों है।''''
इस बीच सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का एक गोपनीय पत्र वायरल हुआ जिसने अव्‍यवस्‍था की पोल खोल दी।

गत दिनों उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य महकमे के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं की चिंताजनक स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि अगर परिस्थितियों को शीघ्र नियंत्रित नहीं किया गया तो कोविड-19 की रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।

उधर, समाजवादी पार्टी ने मंत्री के पत्र बहाने कोरोना प्रबंधन में अव्यवस्था के लिए पूरी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का सोमवार को अपर मुख्‍य सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को भेजा गया कथित पत्र मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र के भेजे जाने के बारे में जब पाठक से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक गोपनीय पत्र भेजा है।’’ लेकिन उन्होंने पत्र में क्या लिखा है इस बारे कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पाठक ने पत्र लिखने की बात से इंकार नहीं किया, इसे लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ नीत सरकार मुश्किल में आ गयी है।

सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में पाठक ने लिखा है कि ‘‘अगर कोविड-19 जनित परिस्थितियों को शीघ्र नियंत्रित नहीं किया गया तो हमें रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।''''
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘अत्यंत कष्ट के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि वर्तमान समय में लखनऊ जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। विगत एक सप्ताह से हमारे पास पूरे लखनऊ जनपद से सैकड़ों फोन आ रहे हैं, जिनको हम समुचित इलाज नहीं दे पा रहे हैं।''''
पत्र में लिखा है, ''''मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में फोन करने पर बहुधा फोन का उत्तर नहीं मिलता। इसकी शिकायत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री से और अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य से करने के उपरान्त फोन तो उठता है किन्तु सकारात्मक कार्य नहीं होता।'''' उन्होंने आगे लिखा है कि मरीज की जांच रिपोर्ट मिलने में चार से सात दिन का समय लग रहा है, एंबुलेंस नहीं मिल रही है।

उन्होंने यह शिकायत की है, ''''आज मेरे विधानसभा क्षेत्र के पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त डॉ योगेश प्रवीण की अचानक तबियत बिगड़ गई। इसकी सूचना मिलने पर मैंने स्वयं मुख्य चिकित्सा अधिकारी से फोन पर बात की और उन्हें तत्काल एंबुलेंस व चिकित्सा मुहैया कराने का अनुरोध किया, किंतु खेद का विषय है कि कई घंटों बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली और समय से इलाज नहीं होने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी।''''
मंत्री ने यह भी लिखा था कि ''''कोविड-19 जनित परिस्थितियों को यदि शीघ्र नियंत्रित नहीं किया गया तो हमें रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।''''

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PTI News Agency

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