बसपा से निलंबित विधायकों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की

punjabkesari.in Wednesday, Jun 16, 2021 - 12:21 AM (IST)

लखनऊ, 15 जून (भाषा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाल के महीनों में निलंबित कम से कम पांच विधायकों ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर उनकी पार्टी में शामिल होने के संकेत दिए।

जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से विधायक सुषमा पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ 15-20 मिनट तक चली बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा हुई और मुलाकात अच्छी रही।’’ उनके अगले कदम के बारे में पूछने पर पटेल ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से, मैंने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का मन बना लिया है।’’
वर्तमान में 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बसपा के 18 विधायक हैं।

उनसे जब पूछा गया कि बसपा के निलंबित विधायकों ने अखिलेश यादव से मिलने का फैसला क्यों किया तो पटेल ने कहा, “हमें अक्टूबर 2020 में राज्यसभा चुनाव के दौरान निलंबित कर दिया गया। हमें हमें स्पष्ट रूप से बसपा के झंडे और बैनर का उपयोग नहीं करने और किसी भी कार्यक्रम, पार्टी बैठकों में शामिल नहीं होने को कहा गया। राज्यसभा चुनाव के समय, बसपा ने कोई व्हिप जारी नहीं किया था, नाहीं हम क्रॉस वोटिंग में शामिल थे। हमें बिना किसी आधार के निलंबित कर दिया गया था। हमें इसलिये निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि हम अखिलेश यादव से मिलने गए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब, हमें विकल्प तलाशना है। इसलिए हम अखिलेश यादव से मिलने गये थे। अब हमारा बसपा से कोई लेना-देना नहीं है।’
पटेल के अलावा सपा प्रमुख से मिलने वाले अन्य विधायकों में असलम राएनी, मुस्तफा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद और हरगोविंद भार्गव शामिल हैं।

गौरतलब है कि अक्टूबर 2020 में, बसपा के सात विधायकों को पार्टी अध्यक्ष मायावती ने निलंबित कर दिया था। उन पर राज्यसभा चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रामजी गौतम के नामांकन का विरोध करने का आरोप लगा था। निलंबित किये जाने वाले विधायकों में चौधरी असलम अलीर, हरगोविंद भार्गव, मोहम्मद मुस्तफा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, मोहम्मद असलम राएनी, सुषमा पटेल और वंदना सिंह शामिल थीं।

इस बीच सपा के एक विधायक ने बसपा से निलंबित कुछ विधायकों ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करने की पुष्टि की है।

इस महीने की शुरुआत में बसपा प्रमुख ने विधानसभा में पार्टी के नेता लालजी वर्मा और अकबरपुर से विधायक राम अचल राजभर को पार्टी से निकाल दिया था। इन दोनों नेताओं पर पंचायत चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे, जिन्हें उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया था।

इस बीच बसपा विधानमंडल दल के उपनेता उमाशंकर सिंह ने मंगलवार को बलिया में कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले दल के बगावती विधायकों की हैसियत ''कूड़े'' (कचरा) जैसी है।

उन्होंने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने वालों में असलम राएनी विधानसभा में हनुमान चालीसा पढ़कर भाजपा सरकार का गुणगान करते हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा की मुखालफत करने वाले अखिलेश यादव इनसे मुलाकात करते हैं और उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे सपा अध्यक्ष का दोहरा चरित्र उजागर होता है।

बागी विधायकों के विरुद्ध कार्रवाई के बारे में उन्होंने बताया कि बसपा ने इन्हें पहले ही निलंबित कर दिया है। बसपा अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करती, इनके विरुद्ध कार्रवाई कर बसपा अपना ऊर्जा नष्ट नहीं कर सकती।

सिंह ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि जिसने भी बसपा छोड़ा है, उसका राजनीतिक वजूद समाप्त हो गया। बसपा से बगावत करने वाले विधायकों को आम जनता सबक सिखाएगी।

कुछ समाचार चैनलों पर विधायक राएनी की विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से मुलाकात की खबरों के संदर्भ में जब विधानसभा अध्यक्ष से पूछा गया तो उन्होंने ''पीटीआई-भाषा'' से कहा, ''''नहीं वह नहीं आए थे।''''
इस बीच, संपर्क किए जाने पर विधायक हरगोविंद भार्गव ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह मंगलवार को ''''अखिलेश यादव से मिलने नहीं गये। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिधौली (मेरा विधानसभा क्षेत्र) में था और वहां नहीं गया।’’

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PTI News Agency