ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने का दावा : विभिन्न पक्षों की अलग-अलग प्रतिक्रिया

punjabkesari.in Monday, May 16, 2022 - 08:20 PM (IST)

लखनऊ, 16 मई (भाषा) वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी-सर्वे के दौरान सोमवार को वजूखाने में कथित रूप से शिवलिंग मिलने के बाद अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और विश्व हिंदू परिषद ने इस पर खुशी जाहिर की है जबकि आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘‘देश के मुसलमान अब कोई और मस्जिद नहीं खोएंगे।’’
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी परिसर के उस हिस्से को, जहां कथित शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, वाराणसी जिले की एक अदालत द्वारा सोमवार को सील करने का आदेश दिए जाने के बाद सिलसिलेवार ट्वीट किया।

मौर्य ने ट्वीट में कहा, ''''सत्य को आप कितना भी छुपा लीजिए लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है क्योंकि ''''सत्य ही शिव'''' है। बाबा की जय, हर हर महादेव।''''
उप मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''''बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है।''''
उधर, एआईएमआईएम अध्यक्ष ओवैसी ने अपने एक ट्वीट में गुजरात में की गई सभा का एक वीडियो टैग किया। इसमें वह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, ‘‘जब मैं 20-21 साल का था तब बाबरी मस्जिद को मुझसे छीन लिया गया। अब हम 19-20 साल के बच्चों की आंखों के सामने दोबारा मस्जिद को नहीं खोएंगे, इंशा अल्लाह।’’
उन्होंने भीड़ में मौजूद लोगों से पूछा ‘‘क्या आप तमाम लोग अहद (संकल्प) लेंगे कि हम मस्जिद को नहीं खोएंगे? अगर अहद लेते हैं तो हाथ उठाकर कहिए नारे तकबीर अल्लाह हू अकबर। इनको पैगाम मिलना चाहिए कि मस्जिद को अब हम नहीं खोएंगे। हम तुम्हारे हथकंडों को जान चुके हैं।’’
ओवैसी ने कहा, ‘‘ज्ञानवापी मस्जिद, मस्जिद थी और जब तक अल्लाह दुनिया को कायम रखेगा, वह मस्जिद ही रहेगी। इंशा अल्लाह।’’
उन्होंने मुसलमानों से अपनी मस्जिदों को आबाद रखने का आह्वान करते हुए कहा ‘‘अगर हम अपने मोहल्लों और गांवों की मस्जिदों को आबाद रखेंगे तो यह शैतानी ताकतें जो ललचाई हुई नजरों से हमको अपनी तहजीब से महरूम करना चाहती हैं, उनको पैगाम मिल जाएगा कि अब दोबारा भारत का मुसलमान मस्जिद खोने को तैयार नहीं है।’’
उधर, विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा, “सर्वे के दौरान एक कमरे में शिवलिंग प्राप्त हुआ। यह बहुत आनंद का समाचार है।”
उन्होंने प्रयागराज में कहा, “यह शिवलिंग दोनों पक्षों के वकीलों की उपस्थिति में प्राप्त किया गया। इसलिए वह स्थान जहां शिवलिंग है, वह मंदिर है.. अब भी है और 1947 में भी था, यह स्वयं सिद्ध हो चुका है।”
कुमार ने कहा, “मैं आशा करता हूं कि इस साक्ष्य का समस्त देश के लोग आदर करेंगे और स्वाभाविक परिणतियों की तरफ देश बढ़ेगा। हम आशा करेंगे कि यह विषय अपने परिणाम तक पहुंचे।”
उन्होंने कहा, “चूंकि यह मामला न्यायालय में है, इसलिए इससे अधिक टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। न्यायालय का निर्णय आने के बाद हम इसके बारे में आगे विचार करेंगे और तब विहिप तय कर पाएगी कि आगे क्या कदम उठाने हैं।”
गौरतलब है कि वाराणसी की एक स्थानीय अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर किए गए सर्वे का काम सोमवार को समाप्त हुआ। हिन्दू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिला है। इसके बाद अदालत ने जिला प्रशासन को कथित शिवलिंग तथा उसके पाए जाने के स्थान को सील करके वहां किसी के भी जाने पर पाबंदी लगा दी है।

हालांकि मुस्लिम पक्ष शिवलिंग मिलने के दावे को गलत ठहरा रहा है। उसका कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है। उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है।

हिन्दू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि अदालत ने वाराणसी के पुलिस आयुक्त और सीआरपीएफ कमांडेंट को सील किये जाने वाले स्थान को संरक्षित और सुरक्षित रखने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी सौंपी है।

उन्होंने बताया कि साथ ही अदालत ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि जहां शिवलिंग मिला है उस स्थान पर मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें और मस्जिद में केवल 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दें।



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PTI News Agency

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