उत्तर प्रदेश में स्वामित्व योजना में योगी आदित्यनाथ ने 11 लाख ''घरौनी'' का ऑनलाइन वितरण किया

punjabkesari.in Saturday, Jun 25, 2022 - 04:44 PM (IST)

लखनऊ, 25 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां स्वामित्व योजना के तहत 11 लाख ग्रामीण आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) का ऑनलाइन वितरण किया और कहा कि राज्य के गांवों में रहने वाले लगभग ढाई करोड़ लोगों को अक्टूबर, 2023 तक यह प्रमाण पत्र मिलेगा।

लोक भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) के सभागार में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत यह ऑनलाइन वितरण किया।
घरौनी योजना के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 34 लाख लोग पहले ही इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अधिक से अधिक लोगों को यह प्रमाण देने के कार्य में तेजी लाने के लिए राज्य के 1,10300 राजस्व गांवों में ड्रोन द्वारा भूमि का सर्वेक्षण इस वर्ष अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के मुताबिक जालौन जिले की शत-प्रतिशत आबादी को घरौनी सर्टिफिकेट मिल चुका है।

उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और ग्रामीणों को लंबे समय में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था जबकि प्रधानमंत्री मोदी का सपना देश को आत्मनिर्भर बनाना है। घरौनी योजना इन बड़े लक्ष्यों को साकार करने में मदद करेगी।”
योगी ने बाद में एक ट्वीट में कहा कि ''''अपनी भूमि पर अपना ''कानूनी अधिकार'' प्राप्त करने वाले समस्त ग्राम वासियों को हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं।''''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''''जिन वनटांगिया, थारू, मुसहर आदि जनजातीय लोगों की कोई आवाज नहीं थी, जिनके पास कोई जमीन का टुकड़ा नहीं था, डबल इंजन की भाजपा सरकार ने अभियान चलाकर उन्हें जमीन उपलब्ध करवाने का कार्य बड़े पैमाने पर किया है।''''
योगी ने कहा कि ''''हमें ''आत्मनिर्भर भारत'' ही नहीं, बल्कि ''आत्मनिर्भर प्रदेश'' और ''आत्मनिर्भर जनपद'' भी बनाना होगा।'''' उन्होंने कहा कि प्रदेश और जनपद को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान गांव और नगर निकायों से होकर आगे बढ़ेगा और आत्मनिर्भर गांव'' के अभियान को भी आगे बढ़ाना होगा।

समारोह में योगी ने कहा कि घरौनी योजना से भूमि अतिक्रमण को रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भूमाफिया विरोधी कार्यबल की मदद से योजना शुरू होने के बाद से अब तक माफिया और अपराधियों के अवैध कब्जे वाली 64,000 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया है।

तहसील, जिला, आयुक्तालय और राज्य स्तर पर कार्यबल का गठन किया गया था।

मुख्यमंत्री ने लंबित भूमि विवाद के मामलों के त्वरित निपटान और राज्य के राजस्व में वृद्धि के लिए भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के महत्व पर भी बल दिया।

उन्होंने कहा कि घरौनी प्रमाण पत्र ग्रामीणों को अधिक आसानी से ऋण प्राप्त करने के साथ-साथ अपने व्यवसाय को स्थापित और विस्तारित करने में भी सक्षम करेगा। उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम बताया।

घरौनी योजना पैतृक भूमि और संपत्तियों को उनके वास्तविक मालिकों को हस्तांतरित करने की सुविधा प्रदान करती है।


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