लखनऊ के बर्लिंगटन चौराहे का नाम अब अशोक सिंघल चौराहा
punjabkesari.in Monday, Sep 26, 2022 - 03:43 PM (IST)
लखनऊ, 26 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रमुख बर्लिंगटन चौराहे का नाम बदलकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेता रहे दिवंगत अशोक सिंघल के नाम पर करते हुए सोमवार को इसका लोकार्पण किया गया।
लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, लखनऊ के विधायक और पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन समेत कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में उद्घाटन पट्टिका का अनावरण किया गया। इस दौरान लोगों ने ''अशोक सिंघल-अमर रहें'' जैसे नारे लगाए। शिलापट्ट के ऊपर भगवा पृष्ठभूमि में दिवंगत विहिप नेता की तस्वीर वाला एक बोर्ड लगाया गया है, जिस पर चौराहे के नाम के रूप में ‘अशोक सिंघल चौराहा’ अंकित है।
चंपत राय ने पीटीआई-भाषा से कहा कि लखनऊ नगर निगम द्वारा किया गया यह एक अच्छा काम है। उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल के नाम पर चौराहे का नामकरण और इसका उद्घाटन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिवंगत विहिप नेता की जयंती की पूर्व संध्या पर किया गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वर्चस्व वाले लखनऊ नगर निगम ने इस साल के अंत में होने वाले निकाय चुनाव से पहले स्वतंत्रता सेनानियों और दक्षिणपंथी विचारकों के नाम पर कई क्षेत्रों का नाम बदलने का फैसला किया। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम की कार्यकारी समिति की बैठक में नए नामों पर फैसला किया गया।
इसके पहले लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने बातचीत में कहा था कि फैसले का उद्देश्य अंग्रेजी हुकूमत के प्रतीकों और उसकी विरासत को समाप्त करना तथा देश की आजादी व प्रगति के लिए संघर्ष करने वाले लोगों का सम्मान करना है।
इसी कड़ी में अशोक सिंघल के नाम पर बर्लिंगटन चौराहे का नाम रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सिंघल ने राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी और वह इस आंदोलन के प्रभारी भी रहे थे। वह 20 साल से अधिक समय तक विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रहे।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि बर्लिंगटन चौराहा नाम अंग्रेजी दासता का प्रतीक था और इसे बदलने के लिए अनेक संगठनों की ओर मांग की जा रही थी।
उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल इसी चौराहे के निकट अपने एक मित्र के यहां रुकते थे और उनके नाम से इस चौराहे की गरिमा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सिंघल की जयंती की पूर्व संध्या पर उन्हें नगर निगम ने अपनी श्रद्धांजलि देकर महत्वपूर्ण कार्य किया है।
अशोक सिंघल का जन्म 27 सितंबर 1926 को हुआ था और 17 नवंबर 2015 को उनका निधन हो गया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, लखनऊ के विधायक और पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन समेत कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में उद्घाटन पट्टिका का अनावरण किया गया। इस दौरान लोगों ने ''अशोक सिंघल-अमर रहें'' जैसे नारे लगाए। शिलापट्ट के ऊपर भगवा पृष्ठभूमि में दिवंगत विहिप नेता की तस्वीर वाला एक बोर्ड लगाया गया है, जिस पर चौराहे के नाम के रूप में ‘अशोक सिंघल चौराहा’ अंकित है।
चंपत राय ने पीटीआई-भाषा से कहा कि लखनऊ नगर निगम द्वारा किया गया यह एक अच्छा काम है। उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल के नाम पर चौराहे का नामकरण और इसका उद्घाटन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिवंगत विहिप नेता की जयंती की पूर्व संध्या पर किया गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वर्चस्व वाले लखनऊ नगर निगम ने इस साल के अंत में होने वाले निकाय चुनाव से पहले स्वतंत्रता सेनानियों और दक्षिणपंथी विचारकों के नाम पर कई क्षेत्रों का नाम बदलने का फैसला किया। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम की कार्यकारी समिति की बैठक में नए नामों पर फैसला किया गया।
इसके पहले लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने बातचीत में कहा था कि फैसले का उद्देश्य अंग्रेजी हुकूमत के प्रतीकों और उसकी विरासत को समाप्त करना तथा देश की आजादी व प्रगति के लिए संघर्ष करने वाले लोगों का सम्मान करना है।
इसी कड़ी में अशोक सिंघल के नाम पर बर्लिंगटन चौराहे का नाम रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सिंघल ने राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी और वह इस आंदोलन के प्रभारी भी रहे थे। वह 20 साल से अधिक समय तक विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रहे।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि बर्लिंगटन चौराहा नाम अंग्रेजी दासता का प्रतीक था और इसे बदलने के लिए अनेक संगठनों की ओर मांग की जा रही थी।
उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल इसी चौराहे के निकट अपने एक मित्र के यहां रुकते थे और उनके नाम से इस चौराहे की गरिमा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सिंघल की जयंती की पूर्व संध्या पर उन्हें नगर निगम ने अपनी श्रद्धांजलि देकर महत्वपूर्ण कार्य किया है।
अशोक सिंघल का जन्म 27 सितंबर 1926 को हुआ था और 17 नवंबर 2015 को उनका निधन हो गया था।
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