UP में लागू हुआ लोक स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अध्यादेश, राज्यपाल की मिली मंजूरी

punjabkesari.in Tuesday, May 12, 2020 - 02:13 PM (IST)

लखनऊः खतरनाक कोरोना वायरस से पूरा देश जंग लड़ रहा है। ऐसे में पुलिस, डॉक्टर आदि कोरोना वॉरियर्स भी मैदान में डटे हुए हैं। वहीं इधर बीच उनके साथ भी लगातार अभद्रता की खबरें आ रही हैं। ऐसे में राज्यपाल की मंजूरी के साथ ही उत्तर प्रदेश में लोक स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अध्यादेश लागू हो गया है। अब कोरोना वॉरियर्स  चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी या शासन में तैनात किसी भी कर्मी से मारपीट, अभद्रता करने वालों को सख्त सजा भुगतनी होगी और जुर्माना भरना होगा।

7 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान 
बता दें कि 6 मई, 2020 को UP कैबिनेट ने फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स की सुरक्षा के लिए इस अध्यादेश पर मुहर लगाई थी और इसे मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था। सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के बाद अब इस अध्यादेश के तहत कोरोना नियंत्रण में लगे डाक्टर, पुलिस, सफाई कर्मी और कर्मचारियों व अफसरों का विरोध करना, उन पर हमला करना, बदसलूकी और तोडफ़ोड़ करने पर सात साल तक की सजा और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

बीमारी फैलाने वालों पर इस अध्यादेश ने कसा शिकंजा 
वहीं कोरोना योद्धाओं पर थूकने, गंदगी फेंकने और क्वारंटाइन के दौरान गड़बड़ी करने और हमले के लिए भड़काने वालों को पांच साल तक की सजा और अधिकतम दो लाख तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। उधर लाकडाउन तोड़ने और बीमारी फैलाने वालों पर भी इस अध्यादेश से शिकंजा कसा गया है। कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष तक की सजा और एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं कोराना मरीज अगर सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करते हुए पाया गया तो तीन साल तक की सजा व दो लाख तक के जुर्माना लगाया जा सकता है।

क्वारंटाइन का उल्लंघन पड़ेगा भारी 
इसके साथ ही क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की कैद और जुर्माना दस हजार से एक लाख रुपये तक होगा। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष जेल और दस हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना व अश्लील और अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल कारावास और जुर्माना 50 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना होगा। अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे एक से लेकर तीन वर्ष की जेल हो सकती है और 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। वहीं अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करता है तो उसके लिए एक से तीन साल तक की कैद और 50 हजार से दो लाख तक जुर्माना भी होगा।

 

 

Author

Moulshree Tripathi