11 साल पाक की जेल में रहे पुनवासी की 4 जनवरी को घर वापसी, बहन बोली- जिंदा होने की नहीं थी आशा

punjabkesari.in Wednesday, Dec 30, 2020 - 05:16 PM (IST)

मिर्जापुर: ग्यारह साल बाद पाकिस्तान की जेल से छूटने के बाद उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले पुनवासी की घर वापसी चार जनवरी को निश्चित हो गयी है। जिला प्रशासन ने उसकी वापसी की कागजी कार्यवाही पूरी कर ली है। पुनवासी की बहन किरण और बहनोई उसे लेने एक जनवरी को अमृतसर जाएंगे। जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिसकर्मी भी साथ जाएंगे।

पाक जेल में दो वर्ष पहले ही समाप्त हो गई थी सजा
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि पुनवासी चार जनवरी को घर आ जायेगा। हावड़ा से दिल्ली जाने वाली कालका मेल में सभी का रिजर्वेशन कराया गया है। उन्होंने बताया कि अमृतसर में जिला प्रशासन से कागजी औपचारिकता के सम्बन्ध पूरी तैयारी कर ली गयी है। मिर्जापुर जिले के भरुहना गांव निवासी पुनवासी 2009 में बाडर्र पार कर पाकिस्तान पहुंच गया था। वह लगभग ग्यारह वर्ष तक पाकिस्तानी जेल में बंद रहा। खास बात यह है कि पाकिस्तान जेल में उसकी सजा दो वर्ष पहले ही समाप्त हो गई थी। पर उसके घर का पता लगाने में खुफिया विभाग को दो साल लग गए।

17 नवम्बर को ही बतन लौट आया था पुनवासी
17 नवम्बर को पाकिस्तान सरकार ने उसे अमृतसर के अटारी बाडर्र पर भारत को सौप दिया था। तब से लेकर अब तक पुनवासी अमृतसर के हेल्थ सेंटर में है। अमृतसर प्रशासन ने मिर्जापुर जिले के प्रशासन को जानकारी दी थी। मिर्जापुर जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए पुनवासी के चार जनवरी को घर वापसी का रास्ता साफ कर दिया।

पुनवासी की बहन किरण बहुत खुश, बोली- जिंदा होने की आशा छोड़ चुके थे
पुनवासी की बहन किरण बहुत खुश हैं। उसने कहा कि हम तो उसके जिंदा होने की आशा छोड़ चुके थे। दो महीने पहले एक दिन एक सिपाही ने घर पर आ कर सारी स्थिति से अवगत कराया था। तब से हम सब दौड़ धूप कर रहे थे। आखिरकार वह दिन आने वाला है। मेरे माता-पिता उसकी राह देखते देखते संसार छोड़ चुके हैं। अब केवल मै ही परिवार में हूँ।

पाकिस्तानी जेल में यातना से मानसिक संतुलन खो चुका पुनवासी
असल में पुनवासी दो साल पहले ही वतन वापसी कर लेता। पर पाकिस्तान जेल में यातना से वह अपना मानसिक संतुलन खो चुका है। उसे अपने घर का पता तक मालूम नहीं है। पाकिस्तान सरकार ने भारत के विदेश मंत्रालय को 2018 में सूचना दे दी थी। पुनवासी के घर का पता लगाने में दो साल लग गए। जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि वतन वापसी के बाद वह अब धीरे धीरे ठीक हो रहा है। बहरहाल पुनवासी के घर वापसी से भरुहना गांव के लोग भी खुश हैं। अचानक उसके जिंदा होने की सूचना पर लोग आश्चर्य चकित भी हुए। हालांकि गांव में उसका घर अब नहीं है। वह लालगंज में अपनी बहन किरण के घर रहेगा। 

Umakant yadav