रायबरेली: घर पर आए मजदूरों ने की बुजुर्ग महिला हत्या, पुलिस ने 48 घंटे के अंदर किया खुलासा
punjabkesari.in Tuesday, Nov 22, 2022 - 05:07 PM (IST)
रायबरेली (शिवकेश सोनी) : कहते हैं कि लालच में इंसान अंधा हो जाता है और यह भी नहीं देखता की इसका अंजाम क्या होगा, कुछ ऐसा ही मामला इस ब्लाइंड मर्डर में देखने को मिला जहां घर में मजदूरी करने आए मजदूरों ने ही लूट की योजना बनाकर घर में अकेली रह रही वृद्ध महिला का गला रेत कर हत्या कर दी। पुलिस ने 36 घंटे के भीतर दोनों अभियुक्तों को आला कत्ल के साथ गिरफ्तार करके मामले का पर्दाफाश कर दिया है। इन दोनों मजदूरों में रामराज निकट के कप्तान का पुरवा वही दूसरा संदीप भदोखर थाना क्षेत्र का निवासी है। वहीं इस घटना में रामराज का पुत्र विकास भी शामिल हुआ जो अभी फरार है।
खुलासे के लिए 5 टीमों का किया गया था गठन
आपको बता दे कि 19 नवम्बर 2022 को समय करीब 6.45 बजे थाना कोतवाली नगर क्षेत्रान्तर्गत इन्दिरा नगर निवासी स्नेह कुमारी शुक्ला पत्नी स्व0 वीरेन्द्र शंकर शुक्ला उम्र करीब 65 वर्ष की हत्या होने की सूचना उनके भाई सोम प्रकाश के द्वारा कोतवाली नगर पुलिस को दी गयी थी। प्राप्त सूचना पर तत्काल उच्च अधिकारीगण द्वारा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर, फॉरेंसिक टीम, पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ शव को पोस्टमार्टम करने के लिए भेजने के बाद पुलिस ने घटना के खुलासे के लिए 5 टीमों का गठन किया गया था और गहनता से सभी पहलुओं पर जांच करते हुए ह्युमन एण्ड टेकनिकल इंटेलिजेंस की सहायता से घटना का सफलतापूर्वक खुलासा कर दिया।
पैसे के लालच में कि वृद्ध की हत्या
पुलिस अधिक्षक आलोक कुमार प्रियदर्शी ने बताया कि पुलिस ने शक के आधार पर जब बुजुर्ग के घर उनकी हत्या वाले दिन काम करने वाले मजदूरों को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ की तो गिरफ्तार अभियुक्त संदीप ने बताया कि 19 नवम्बर 2022 को मैं रामराज और उसका लड़का विकास तीनों लोग MIG-87 इन्दिरा नगर थाना कोतवाली नगर रायबरेली स्नेह कुमारी शुक्ला के यहां गार्डन की घास काटने/मजदूरी करने के लिए गए थे और सुबह 10.00 बजे से 1.30 बजे तक घास काटने के बाद मैं और विकास अपनी मजदूरी लेकर कप्तान का पुरवा चले गये और उसके 01 घंटे बाद रामराज भी वापस आया। रामराज पहले से ही स्नेह कुमारी शुक्ला को जानता था। वह पहले से उनके यहां मजदूरी करने आया-जाया करता था। रामराज ने मुझे और विकास को बताया कि बुजुर्ग के पास बहुत पैसा है और अकेले रहती है। यदि उन्हें मार दिया जाए तो अच्छा खासा धन मिल सकता है। इसी बात को मैने और विकास ने अपने दिमाग मे रखकर लूट की योजना बनाई और शाम 4.00 बजे घर से निकल कर शराब के ठेके पर आये और शराब पिया साथ ही सीसीटीवी कैमरे मे रिकॉर्ड न हो इसके लिये बचते बचाते बीरबल के अस्पताल के पीछे झाड़ियों से छिपते हुये रस्तोगी के खण्डहर की बाउंड्री फांद कर स्नेह कुमारी शुक्ला के घर मे घुसे।
शक ना हो इसलिए घर का सामान फैला दिया
स्नेह कुमारी शुक्ला हमें पहले से जानती थी इसलिए उन्होंने हमारे दरवाजा खटखटाने पर दरवाजा खोल दिया और जैसे ही स्नेह कुमारी शुक्ला ने दरवाजा खोला तो विकास ने स्नेह कुमारी का मुंह अपने हथेली मे जोर से दबा लिया और हम दोनों मिलकर उन्हें घसीटते हुए किचन तक ले गये और उन्हें वहां नीचे जमीन पर लिटा दिया। मैने स्नेह कुमारी शुक्ला के हाथ को पकड़ रखा था और पास मे ही रखे चाकू से विकास ने वृद्ध की गर्दन काट दी। जब खून निकलने लगा और वह बेहोश हो गयी तो हम दोनों ने घर मे रखे बक्से और अलमारी को खंगाला तो बक्से से केवल 6000 रुपये मिले तथा एक मोबाइल मिला जो विकास ने अपने पास रख लिया था। किसी को शक न हो, इसलिये हम लोगों ने घर का सारा सामान फैला दिया ताकि लोगों को लगे की कोई चोरी करने घर मे घुसा था। इसके बाद हम लोग जिस रास्ते से घर मे घुसे थे उसी रास्ते से वापस चले गए। जो रुपये वहां से मिले थे उन्हें हम लोगों ने आपस मे बांट लिया। जिसमें मुझे 2000 विकास को 3000 और रामराज को 1000 रुपये मिला था और वह मोबाइल विकास ने अपने पास रखा हुआ है ।