रायबरेली: ग्रामीण और लोको पायलट की सूझबूझ से फिर टला बड़ा रेल हादसा

punjabkesari.in Sunday, Dec 09, 2018 - 11:06 AM (IST)

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्थानीय लोगों की सतर्कता से शनिवार को बड़ी रेल दुर्घटना होने से बच गई। रायबरेली जिले में डलमऊ और राधा बालमपुर रेलवे स्टेशन के बीच नसीरपुर गांव में एक जगह रेलवे लाइन की पटरी टूटी हुई थी। सुबह उधर से निकल रहे ग्रामीणों ने देखा तो उनके होश उड़ गए। इसी बीच रायबरेली से कानपुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन आती दिखी, जिसके बाद लोगों ने उसे रोकने की कवायद शुरू की। लोग लाल कपड़ा लेकर खड़े हुए और ट्रैक पर आग जला दी ताकि लोको पायलट उन्हें देख ले। उधर लोको पायलट ने यह सब देखा तो तुरन्त इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। इसके बाद सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। ग्रामीणों और लोको पायलट की इस सूझबूझ से ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। ट्रेन तब तक आगे नहीं बढ़ी, जब तक पटरी दुरुस्त नहीं हुई। इसमें करीब डेढ़ घंटे का समय लग गया।

रेलवे सूत्रों ने बताया कि पटरी टूटी होने का पता सुबह करीब सवा 6 बजे चला। इसके बाद 7 बजे आ रही रायबरेली कानपुर पैसेंजर उबरनी को तो रोक लिया गया। मगर, रायबरेली से रघुराज सिंह के बीच चलने वाली शटल ट्रेन साढ़े 6 बजे ही डलमऊ पहुंच चुकी थी। दोनों ट्रेनों का रास्ता एक ही है। ऐसे में माना जा रहा है कि शटल ट्रेन भी टूटी पटरी से ही गुजरी। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। डलमऊ की तरह शहर में मधुबन रेलवे क्रॉसिंग के पास भी पटरी टूटी हुई थी हालांकि यहां रेल यातायात बाधित नहीं हुआ। टूटी पटरियों के बीच क्लैंप लगा था। रेल कर्मियों की सूचना पर पहुंचे अफसरों ने पहले जांच की, फिर कॉशन पर धीमी रप्तार से ट्रेनें निकालीं। बाद में पटरी ठीक की गई। शहर और डलमऊ में पटरी टूटने के बारे में अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर माह में ही रायबरेली के हरचंदपुर कस्बे में न्यू फरक्का एक्सप्रेस की भीषण दुर्घटना हुई थी जिसमे ट्रेन पटरी से बेपटरी हो गई थी और उसके कई डिब्बे पलट गए थे। जिसमें कई लोग हताहत हुए थे लेकिन इसके बावजूद रेलवे ने पर्याप्त सतर्कता नहीं बरती। इस दुर्घटना को लेकर रेलवे के सिग्नल और रेलट्रैक मेंटिनेंस विभाग में जंग छिड़ गई थी। ट्रैक मेंटिनेंस ने सारी गलती सिग्नल विभाग के ऊपर डाल दी थी।

Anil Kapoor