UP: ‘सेवा दल’ को संजीवनी देने में जुटे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

punjabkesari.in Sunday, Jul 01, 2018 - 11:51 AM (IST)

लखनऊः लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को लगातार मिल रही हार से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी चिंता में है। जिसके चलते कांग्रेस को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने के लिए उन्होंने अपने पुराने संगठन ‘सेवा दल’ में नई जान फूंकने का फैसला किया है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस इकाई से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों का दावा है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही सेवा दल का इस्तेमाल न केवल पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए किया जाएगा, बल्कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक मजबूत काट के तौर पर भी उभरेगा। हालांकि इस पदाधिकारी ने अपना नाम जाहिर करने से मना कर दिया, लेकिन सेवा देल के विस्तार को लेकर उन्होंने विस्तार से चर्चा की।

पदाधिकारी का दावा है कि राहुल गांधी मानसून सत्र के बाद अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी व अपनी मां सोनिया गांधी की संसदीय सीट रायबरेली से एक साथ इसकी शुरुआत कर सकते हैं। बकौल कांग्रेस पदाधिकारी, कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस सेवा दल को फिर से सक्रिय करने की तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने सेवा दल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुकाबले खड़ा करने की योजना तैयार की है। 

कांग्रेस के इस पदाधिकारी ने बताया कि जब तक कांग्रेस सेवा दल सक्रिय रहा, तब तक कांग्रेस आरएसएस की हर चाल की काट आसानी से निकाल लेती थी। कालांतर में सेवा दल लगातार कमजोर होता गया और आरएसएस मजबूत होता जा रहा है। कांग्रेस के सूत्र भी बताते हैं कि सेवा दल का इतिहास कांग्रेस जितना ही पुराना है। इसकी कार्यशैली बिल्कुल आरएसएस की तरह ही रही है। मौजूदा समय में कांग्रेस का यह अहम संगठन मृतप्राय स्थिति में आ गया है।

दरअसल, कांग्रेस सेवा दल का गठन वर्ष 1923 में हिंदुस्तान सेवा दल के नाम से हुआ था। बाद में इसे कांग्रेस सेवा दल का नाम दे दिया गया। आरएसएस की तरह ही कभी कांग्रेस सेवा दल पर भी प्रतिबंध लगा था। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1932 से लेकर 1937 तक हिंदुस्तान सेवा दल को प्रतिबंधित कर दिया गया था। 
 

Deepika Rajput