छठ को लेकर प्रयागराज के बाज़ारों में रौनक

punjabkesari.in Friday, Nov 01, 2019 - 03:56 PM (IST)

प्रयागराज: सूर्य की उपासना के महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है। पूर्वांचल में सुहागिन महिलाओं के इस विशेष पर्व में संगम नगरी में भी सुहागिनों ने इसके लिए अपने तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। छठ पूजा दिवाली के छठवें दिन मनाई जाती है। हालांकि पर्व की शुरुआत दीवाली के 3 दिन बाद से ही शुरू हो जाती है। सूर्य उपासना के इस महापर्व की छटा अब हर जगह नजर आने लगी है।

बाजारों में रौनक है। सूप, टोकरी से लेकर फलों  तक की दुकानों में सुहागिनों का खरीददारी का सिलसिला तेज हो गया है। लेकिन बाजार  में लगी मंहगाई की आग ने दुकानदारों से लेकर पूजा समाग्री खरीदने वालों का दिवाला निकाल दिया है। पूजा में इस्तेमाल होने वाली हर सामग्री मंहगी हो गई है। लेकिन इसके बावजूद भी बाजारों में रौनक दिखाई दे रही है।

छठ पूजा मुख्य रूप से नदी के किनारे मनाया जाता है जहां महिलाएं डूबते और उगते सूर्य को अघ्र्य देती हैं। पुत्र और पति की लंबी आयु के लिए छठ पूजा का महापर्व मनाया जाता है। छठ पूजा का मुख्य दिन 2 नवम्बर की शाम डूबते सूर्य को अघ्र्य देने और 3 नवम्बर को उगते सूर्य को अघ्र्य देने का है।

छठ पर्व के पहले दिन नहाय ख़ास के साथ ही इस पर्व की शुरुआत हो गई है। बाजारों में रौनक है और सुहागिन महिलाएं अपने निर्जला व्रत के लिए आवश्यक पूजा सामग्री की खरीद दारी भी कर रही हंै।  31 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ शुरुआत हो गई है। पहली नवम्बर को खरना और 2 नवम्बर को सूर्य षष्ठी का मुख्य पर्व होगा। इस दिन वृतिजन डूबते सूर्य को अघ्र्य देगें। पर्व का समापन 3 नवम्बर यानी रविवार को उगते हुए सूर्य को अघ्र्य देने के साथ होगा।

Ajay kumar