राजा भैया के पिता को इस साल भी नहीं मिली भंडारे की अनुमति, पुलिस ने किया नजरबंद

punjabkesari.in Monday, Sep 09, 2019 - 10:34 AM (IST)

प्रतापगढ़: हर बार की तरह इस बार भी प्रतापगढ़ के कुन्डा से पूर्व मंत्री राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को प्रशासन ने झटका दिया है। जिला प्रशासन ने उन्हें मुहर्रम के दिन भंडारे की अनुमति नहीं दी है। जिला प्रशासन ने उनके ऊपर कार्रवाई करते हुए सोमवार को नजरबंद करने का फैसला लिया है। इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट ने कुंडा के एसडीएम को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।  

बता दें कि उदय प्रताप सिंह सोमवार शाम पांच बजे से मंगलवार रात 10 बजे तक अपने भदरी महल में नजरबंद रहेंगे। दरअसल, राजा भैया के पिता मोहर्रम के दिन जुलूस के रास्ते में पडऩे वाले हनुमान मंदिर पर भंडारे के आयोजन को लेकर अड़े हुए हैं। जिला प्रशासन ने भंडारे की अनुमति नहीं दी है।

वहीं भंडारे की अनुमति ना मिलने पर लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जिसके चलते जिला प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। कुंडा में 2 सीओ, 2 एएसपी,10 थानेदार,75 सब-इंस्पेक्टर ,200 कांस्टेबल, 4 बटालियन पीएसी समेत भारी पुलिस बल तैनात है। इसके साथ ही इलाके में धारा 144 लागू की गई है। 

ज्ञात हो कि मोहर्रम के दिन एक बंदर की पुण्यतिथि पर राजा भैया के पिता हर वर्ष भंडारा करते हैं। इसी मंदिर के करीब से मोहर्रम के दिन ताजिया निकाला जाता है। उदय प्रताप शेखपुर गांव में रहते हैं। पिछले 2 वर्षों से जिला प्रशासन ने मंदिर में भंडारा करने से रोक लगा रखी है।बता दें कि मुहर्रम के समय ही भंडारे का आयोजन होता है। जिस जगह पर भंडारा कराया जाता है वहा से मुहर्रम का जुलूस निकलता है इसके चलते ही भंडारे की अनुमति नहीं मिलती है। यह प्रकरण बकायदा हाईकोर्ट तक पहुंचा था और हाईकोर्ट ने भंडारा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से भंडारा का आयोजन नहीं हो पाया है। 



स्थानीय लोगों की मानें तो राज घराने का भंडारा का इतिहास बहुत ही पुराना है। 1945 में राजा भैया के दादा महाराजा बजरंग बहादुर सिंह ने भंडारा कराने की शुरूआत की थी। इसके बाद राजा भैया के पिता महाराज उदय प्रताप सिंह ने इसी परंपरा को कई वर्षो तक निभाया था। भंडारे में 25 से 30 हजार लोग प्रसाद ग्रहण करने आते हैं। 

Ajay kumar