''आत्मघाती हमले में राजीव गांधी को नहीं बचा पाने का आज भी मलाल''

punjabkesari.in Sunday, Sep 25, 2016 - 09:18 AM (IST)

इटावा: तमिलनाडु के विलुपुरम जिले की अपर पुलिस अधीक्षक अनुसूया डेसी इर्नेस्टइस को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को आत्मघाती हमले से नहीं बचा पाने का आज भी मलाल है। 21 मई 1991 को श्री पेरम्बदूर में आत्मघाती हमले में राजीव गांधी समेत कई लोगों की मृत्यु हो गई थी और अनेक लोग घायल हुए थे जिसमें इर्नेस्टइस भी थीं। महिला पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह देश सेवा को अपना सबसे बड़ा कर्तव्य मानती हैं।

21 मई, 1991 को श्री पेरम्बदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के समय वह पुलिस उप निरीक्षक के रूप में उनकी सुरक्षा में तैनात थीं। इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंची अनुसूया ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी के आसपास कई महिलाएं हाथों में फूल माला लिए खड़ी थीं। मानव बम बनकर आई धनु भी उनमें ही शामिल थी। उन्होंने सुरक्षा घेरे की तरफ बढ़ रही महिलाओं को आगे बढ़ने से रोका।

कुछ महिलाओं को धक्का देकर हटा दिया था लेकिन राजीव गांधी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। उसके बाद राजीव गांधी ने महिलाओं को आगे बढ़ने का इशारा किया था। बस उसी समय मानव बम धनु उनके साथ आगे बढ़ी और खुद को उड़ा लिया। महिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि उस विस्फोट में 19 लोग मारे गए।

वह भी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर पड़ी थी और कुछ देर बाद उन्होंने चिल्लाकर पुलिस वालों को बताया कि वह जिंदा है। इस हादसे में उनके एक हाथ की 3 उंगलियां उड़ गईं। उनके शरीर में सैंकड़ों छर्रे आप्रेशन से निकाले गए। 3 महीने लगातार इलाज के बाद उन्हें छुट्टी मिली। इसके बाद सी.बी.आई. चीफ कार्तिकेय ने उन्हें सम्मानित भी किया था।