राम जन्मभूमि विवाद: 8 फरवरी से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना होगी सुनवाई

punjabkesari.in Monday, Feb 05, 2018 - 03:20 PM (IST)

लखनऊ: अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद मुकदमें की आगामी 8 फरवरी से उच्चतम न्यायालय में प्रतिदिन सुनवाई होगी। इसके लिए हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने तैयारी पूरी कर ली है।

30 सितम्बर 2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ विशेष पूर्णपीठ के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में यह मुकदमा लम्बित है। उच्च न्यायालय ने विवादित भूमि को 3 भागों में बांटकर रामलला, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा को बराबर दिए जाने का आदेश दिया था। यूपी शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने गत अगस्त में उच्चतम न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर विवादित भूमि पर राममंदिर निर्माण कराने और लखनऊ के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मस्जिद-ए-अमन की तामीर कराई जाए। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने बताया कि प्रतिदिन सुनवाई के लिये उनकी तैयारी पूरी है।

इस सम्बन्ध में 3 फरवरी को अपने पक्ष के अन्य वकीलों के साथ बैठक हो चुकी है। मंगलवार को फिर बैठक होगी। 7 फरवरी की शाम एक बार हम लोग फिर बैठेंगे। मुस्लिमों की ओर से कपिल सिम्बल, डा. राजीव धवन, राजू रामचन्द्रन, शकील अहमद और सईद जैसे नामी गिरामी वकील न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे। निर्मोही अखाड़ा की ओर से एस़ क़े जैन, रंजीत लाल वर्मा, हिन्दू महासभा की ओर से हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन और रामलला विराजमान की ओर से पराशरण न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे। रामलला विराजमान पक्ष के वकील मदन मोहन पांडेय को यूपी सरकार ने सरकारी वकील नियुक्त कर दिया है।

पांडेय ने बताया कि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार ने आवश्यक कागजात न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए हैं। गत 5 दिसम्बर से उच्चतम न्यायालय में इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई शुरु होनी थी। 5 दिसम्बर को न्यायालय ने इस पर सुनवाई करने के बाद कहा था कि अब प्रतिदिन सुनवाई 8 फरवरी से होगी। मुस्लिम पक्ष की 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद सुनवाई करने की दलीलों को न्यायालय ने खारिज कर दिया था।