राम मंदिर का 50 प्रतिशत कार्य पूरा, श्रद्धालुओं के लिए जनवरी 2024 में खुलेगा मंदिरः चंपत राय

punjabkesari.in Tuesday, Oct 25, 2022 - 04:52 PM (IST)

अयोध्याः उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में जनवरी 2024 में मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा करके मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंगलवार को बताया कि, ''मुख्य मंदिर का 40 प्रतिशत और कुल मिलाकर परिसर में 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। हम निर्माण कार्य की प्रगति और गुणवत्ता से संतुष्ट हैं।''



मंदिर का प्रथम तल दिसंबर 2023 तक बनकर होगा तैयार
उन्होंने बताया कि मंदिर का प्रथम तल  दिसंबर  2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। उसके बाद 14 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। राय ने बताया कि मंदिर निर्माण में 1800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में प्रमुख साधु-संतों की प्रतिमाएं लगवाने के लिए स्थान निर्धारित करने का भी फैसला किया है। ट्रस्ट ने दीपावली के एक दिन बाद मंगलवार को मीडिया को उस जगह जाने की इजाजत दी जहां से मंदिर निर्माण की प्रगति का जायजा लिया जा सकता है। भ्रमण के दौरान संवाददाताओं को उस स्थान पर भी ले जाया गया जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शनिवार को मंदिर निर्माण कार्य का जायजा लिया था।



पीएम ने 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए किया भूमि पूजन
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नौ नवम्बर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाए जाने के बाद विवादित रहे परिसर में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। योजना के मुताबिक राम मंदिर परिसर में 70 एकड़ क्षेत्र के अंदर वाल्मीकि, केवट, शबरी, जटायु, सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिर भी बनाए जाएंगे। एक आयताकार दो मंजिला परिक्रमा मार्ग भी बनाया जा रहा है, जिसमें मंदिर का क्षेत्रफल और उसके प्रांगण सहित कुल आठ एकड़ जमीन शामिल है। इसके पूर्वी भाग में बलुआ पत्थर से बना प्रवेश द्वार होगा। राजस्थान में मकराना पहाड़ियों से लाये जा रहे सफेद संगमरमर का उपयोग मंदिर के गर्भगृह के अंदर किया जाएगा।

Content Editor

Pooja Gill