भारत के विदेश नीति में ‘रामायण’ की होगी अहम भूमिका, 200 खंडों में छपेगा विश्व महाकोश

punjabkesari.in Thursday, Mar 04, 2021 - 02:53 PM (IST)

अयोध्याः हिंदू धर्म की आस्था व भक्ति का एक महत्वपूर्ण बिंदू है रामायण। रामायण में जीवन व नीति का सार समाहित है। देश में महत्वपूर्ण रामराज्य कॉसेप्ट भी यहीं से लिया जाता है। वहीं अब भक्ति की दुनिया के साथ ही  अब यही रामायण भारत के विदेश नीति में अहम भूमिका निभाने वाली है।

बता दें कि भारत की विदेश नीति में रामायण अब सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी का अहम हिस्सा होगी। सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी के रूप में रामायण के सहयोग को प्रमाणिक रूप में प्रस्तुत करने के लिए योगी सरकार रामायण देशों के समूह की स्थापना करने की कोशिश कर रही है। रामायण समूह में 205 देशों को शामिल किए जाने की योजना है। इसी क्रम में भारत सरकार रामायण के 200 खंडों को फिर से छापने की तैयारी में है।

इस बाबत उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक वाइपी सिंह ने बताया कि भारतीय संस्कृति को राम के माध्यम से विश्वभर में पहुंचाना है, युवा पीढ़ी को भी इससे जोड़ना है। सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी के जरिए आने वाले समय में रामायण भारत की विदेश नीति में एक अहम भूमिका निभाएगा।इसके अलावा भारतीय संस्कृति में राम के माध्यम से वैश्विक विस्तार को अभिलेखीकृत कर भावी पीढ़ी को वृहद दस्तावेज उपलब्ध कराने का काम भी शुरू हो गया है। इसके लिए 200 खंडों में रामायण विश्वमहाकोश छपेगा जिसके पहले खंड का विमोचन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छह मार्च को लखनऊ में करेंगे।

 

 

 

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Moulshree Tripathi