रामचरित मानस विवाद पर बोले रामभद्राचार्य - सठिया गए हैं स्वामी प्रसाद मौर्य, उनकी बुद्धि भ्रष्ट...

punjabkesari.in Thursday, Jan 26, 2023 - 04:53 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों रामचरितमानस पर विवादित बयान देेकर सुर्खियां में है। कई नेताओं, संतों और तमाम हिन्दू संगठनों उनके बयान पर नाराजगी जताई है। इसी कड़ी में रामभद्राचार्य ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सठिया गए हैं और उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है।

रामचरितमानस की विभिन्न चौपाइयों पर सवाल उठाने और इस ग्रंथ को प्रतिबंधित करने वाली मांग पर कहा कि विनाश काले विपरीत बुद्धि। वहीं श्रीराम चरित मानस में संशोधन करने के आरोप पर तुलसी पीठाधीश्वर चित्रकूट रामभद्राचार्य ने कहा कि वह 20 बार कह चुके हैं कि उन्होंने कभी संशोधन किया ही नहीं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पूछने वाले मूर्खों को संशोधन और संपादन का अंतर समझ लेना चाहिए। अब उन्हें यह अंतर नहीं समझ आ रहा तो वह क्या कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मुकदमा भी चला, लेकिन आरोप खारिज हो गए।

हिंदू राष्ट्र को लेकर कही ये बड़ी बात 
बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री को लेकर रामभद्राचार्य ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र को लेकर बयान दिया था। इसके बाद से ही राष्ट्र विरोधी तत्व सक्रिय हो गए। हिंदू राष्ट्र को लेकर उन्होंने कहा कि भगवान जाने ये कब होगा, लेकिन हमें यत्न तो करते रहना होगा। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अंधविश्वास फैलाने के आरोप में विवादों में है। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा शिकायत के मामले में बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है। पुलिस ने कहा है कि वीडियो में देखने में अंधश्रद्धा या अंधविश्वास जैसा कुछ नहीं है। पुलिस ने अपना लिखित जवाब अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष और शिकायतकर्ता श्याम मानव को भेजा है।

स्वामी प्रसाद के इस बयान पर विवाद? 
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। 

 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj