रामनवमी पर 4 मिनट तक होगा रामलला का सूर्य तिलक, पहनाए जाएंगे विशेष वस्त्र; तैयारियां शुरू

punjabkesari.in Monday, Apr 08, 2024 - 02:11 PM (IST)

Ram Mandir (अश्वनी सिंह): अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार रामनवमी मनाने की तैयारियां की जा रही है। 500 साल बाद मनाई जाने वाली रामनवमी कई मायनों में ऐतिहासिक होगी। इसके लिए जोरो-शोरों से तैयारियां की जा रही है। इसी क्रम में राम मंदिर में रामलला के लिए 4 मिनट लंबे 'सूर्य तिलक' की योजना बनाई गई है।


रामनवमी के दिन रामलला के जन्म की घड़ी दोपहर ठीक 12 बजे सूर्य की रश्मियों से रामलला का अभिषेक यानी सूर्य तिलक होगा। सूर्य की किरणें करीब चार मिनट तक रामलला के मुख मंडल को प्रकाशित करेंगी। यह सर्कुलर सूर्य तिलक 75 मिमी का होगा। इसी रामनवमी को रामलला का सूर्य तिलक करने की तैयारी में वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। राममंदिर में उपकरण लगाए जा रहे हैं, जल्द ही इसका ट्रायल भी किया जाएगा।


रामलला के सूर्य तिलक के लिए ये बनाई योजना
यह खास तिलक हर साल सिर्फ रामनवमी के मौके पर ही दिखाई देगा। मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थापित किए जाने वाले ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम में हाई क्वालिटी मिरर, एक लेंस और खास कोणों पर लगे लेंस के साथ वर्टिकल पाइपिंग शामिल है। मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर दो मिरर और एक लेंस फिट किए जा चुके हैं। तीसरे फ्लोर पर जरूरी उपकरण लगाए जा रहे हैं। सूर्य की रोशनी तीसरे फ्लोर पर लगे पहले दर्पण पर गिरेगी और तीन लेंस व दो अन्य मिरर से होते हुए सीधे ग्राउंड फ्लोर पर लगे आखिरी मिरर पर पड़ेगी। इससे रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य किरणों का एक तिलक लग जाएगा। यह दो से तीन मिनट तक रामलला के माथे पर रहेगा।


प्राण प्रतिष्ठा की तरह सजेगा राम मंदिर
रामनवमी पर भी प्राण प्रतिष्ठा की तरह 50 कुंतल देसी और विदेशी फूलों से पूरे राम मंदिर को सजाया जाएगा। इसके लिए टेंडर भी कर दिया गया है। रामनवमी पर रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक के साथ हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा का भी तैयारी है। प्रशासन की ओर से भी रामनवमी की तैयारी को लेकर रणनीति बनाई जा चुकी है।


रामलला को पहनाए जाएंगे विशेष वस्त्र 
चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ से श्री रामनवमी तक प्रभु श्री रामलला विशेष वस्त्र धारण करेंगे। यह वस्त्र खादी कॉटन से निर्मित हैं एवं इन पर असली चाँदी एवं सोने की हस्त-छपाई की गई है। छपाई में प्रयोग किए हुए सभी चिन्ह वैष्णव पद्धति के हैं ।

Content Editor

Pooja Gill