Holi 2024: कचनार के फूलों से बने गुलाल से होली खेलेंगे रामलला, त्रेतायुग में अयोध्या का राज्य वृक्ष था ये पेड़

punjabkesari.in Friday, Mar 22, 2024 - 05:33 PM (IST)

अयोध्या (संजीव आजाद): लंबे इंतजार के बाद जब रामलला अपनी जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इसलिए इस बार रामलला की होली खास होने वाली है। राम लला इस बार की होली कचनार के फूलो से बने हर्बल गुलाल से खेलेंगे। इस खास गुलाल को राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने तैयार किया है।


राम लाल कचनार के फूलों से बने गुलाल से ही होली खेलेंगे, क्योंकि कचनार के वृक्ष को राम राज्य के दौरान राजकीय वृक्ष माना जाता था। इस खास गुलाल को राम मंदिर ट्रस्ट के अलावा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट वाराणसी, वृंदावन धाम मंदिर और प्रयागराज की लेटे हनुमान मंदिर को भी भेजा गया है।

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ (National Botanical Research Institute Lucknow) ने कचनार के फूलों से बने विशेष गुलाल को रामलला के लिए भेजा है। कचनार के फूलों के गुलाल के पैकेट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव को भेजा गया है। इसी विशेष गुलाल से रामलला इस बार होली खेलेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से उनके विशेष सलाहकार अवनीश अवस्थी ने इस गुलाल के साथ एक पत्र भी भेजा है। जिसमें लिखा हुआ है कि कचनार वृक्ष को राम राज्य के दौरान राजकीय वृक्ष माना जाता था। इसको अयोध्या के राज्य ध्वज में भी स्थान दिया गया था।

कचनार के फूलों की है यें खासियत
बता दें कि कचनार वृक्ष को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की सुगंधित औषधि के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। इस वृक्ष को एंटी बैक्टीरियल एंटी फंगस भी कहा जाता है। इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खासतौर पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम वृंदावन मंदिर मथुरा और प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर में होली के समय इस खास गुलाल को अर्पण करने के निर्देश दिए है।

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Harman Kaur