रामपुर: LockDown के सन्नाटे में गूंजी गौरैया की चहचहाहट, कम हुआ प्रदूषण स्तर
punjabkesari.in Tuesday, Apr 28, 2020 - 04:44 PM (IST)
रामपुर: देश में लॉकडाउन के दौरान कई राज्यों के रिहायसी इलाकों में जंगली जानवरों के रोड पर घूमते के मामले सामने आए, लेकिन रामपुर में गोरैयों (चिड़िया) के झुंड को देखकर लोग हैरान हैं क्योंकि यहां सालों से इतनी बड़ी संख्या में एक साथ गोरैयों को कभी नहीं देखा गया है। बताया जाता है कि देश में फैले प्रदूषण और मोबाइल टॉवर से निकलने वाले रेटीनाओं ने इन पक्षियों को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचाया है। जिससे इनकी जनसंख्या में निरंतर कमी बढ़ती चली गई थी ऐसे में लॉकडाउन में साफ हुए वातावरण के दौरान इन छोटे-छोटे पक्षियों का देखा जाना अपने आप में प्रकृति के शुद्धीकरण को दर्शाता है।
बता दें कि इस मामले में हमने बर्षों से गोरैयों के संरक्षण में मुहिम चला रहे अरशद जॉन से बात की तो उन्होंने बताया कि हां मैं 4-5 सालों से चिड़ियों के लिए घर बनाता हूं। जगह-जगह इन्हें लगाता हूं। उन्होंने बताया कि चीड़िया कोने-कारचो में यह रहना पसंद करती है। मार्च, अप्रैल, जून, जुलाई में यह बच्चे पैदा करती है, अंडे देती हैं और उसके बाद में यह बिना घर के रहती है, लेकिन अब जो बहुत सारी चिड़िया दिखाई दे रही हैं इसका यही कारण है कि लॉकडाउन की वजह से वातावरण के अन्दर साफ सफाई है प्रदूषण नहीं है जिसकी वजह से बहुत ज्यादा चिड़िया दिखाई दे रही है।
अरशद जॉन का कहना है कि यह जो आधुनिक मकान बन रहे हैं उसके अंदर कोना कारचा जरूरी है। जहां पर चिड़िया अपना घर बना सके, बसेरा कर सके। पहले झोपड़ियां होती थी छापर होते थे उसमें बहुत सारी चिड़ियां रहती थी, लेकिन अब निरंतर उसकी जनसंख्या घट रही थी पर अभी हमने सोचा है कि हम इस तरह के घर बनाकर लगाना शुरू करते है जिससे उनको थोड़ी सा राहत मिलेगी। लॉकडाउन को तकरीबन एक महीना या इससे ज्यादा का समय हुआ है, लेकिन इतनी सारी चिड़िया आ जाना अपने आप में बहुत खुशी की बात है। अब बहुत अच्छा फर्क पड़ा है वातावरण साफ हुआ है और चिड़ियों की प्रजाति बड़ी है इतनी जल्दी कैसे बढ़ गई में खुद भी हैरान हूं। मुझे अब लग रहा है कि यह हमारी मुहिम कामयाब हुई है।