वाराणसी का रामरमापति बैंक...जहां जमा है अरबों राम नाम धन

punjabkesari.in Friday, Sep 18, 2020 - 05:17 PM (IST)

वाराणसीः बैंक वह स्थान जहां लोग अपनी जमापूंजी या अपना धन जमा करते हैं। मगर उत्तर प्रदेश के शिवनगरी वाराणसी में एक ऐसा अनोखा बैंक है जहां अरबों रामनाम जमा है। श्रद्धालु रामरमापति बैंक से रामनाम का लोन भी लेते हैं और ब्याज संग उसे चुकाते भी हैं। यह अद्भुत रामबैंक काशी के विश्वनाथ गली त्रिपुरा भैरवी में स्थित है।

बता दें कि 1926 में हुई राम बैंक के स्थापना की कहानी भी अत्यंत सरल है। कुंभ मेले में सतराम दास से दास छन्नू कि मुलाकात हुई और उन्होंने जनकल्याण के लिए राम बैंक की स्थापना की। यह विश्व का वह बैंक है जहाँ धन भी श्री राम है और भक्ति भी श्री राम। राम के बाल्य रूप का दर्शन कर भक्त कृतार्थ होते है।

राम बैंक का महत्व बनारस में ही नहीं बल्कि देश विदेश में भी फैला हुआ है फलस्वरूप बैंक में अब तक 25 अरब 22 करोंड 62 लाख 75 हजार रामनाम एवं सवा करोड शिवनाम जमा है। वर्षों पहले शुरूआत हुई बैंक में भक्त अपनी अर्जी लगाने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, सिंगापुर और अन्य देशों से आते हैं।बैंक के वर्तमान में मैनेजर सुमित मेहरोत्रा है। बैंक सामान्य दिनों में 9 से शाम 4 बजे तक खुला रहता है और राम नवमी पर सारा दिन।


आगे बता दें कि यहां पर सवा लाख राम नाम का लोन लिया जाता है। जिसे एक वर्ष के भीतर भरना होता है किन्तु यहां निवेश करने कि विधि इतनी भी सरल नहीं होती बल्कि इसके लिए कठिन नियम भी मानने पड़ते हैं। नियम के अनुसार कर्ज लिए हुए व्यक्ति को प्याज, लहसुन, मांस एवं मादक पदार्थों से परहेज करना पड़ता है| राम बैंक की एक विशेषता यह भी है कि यहां कर्मचारी भी है जिनमे अकाउटेंट ,मनेजर, चपरासी भी हैं।

रामभक्त रीता त्रिपाठी के अनुसार स्व. दादाजी पंडित नारायण ओझा और पिताजी वर्षों पुजारी के तौर पर रामबैंक से जुड़े रहे हैं। शिवनगरी में स्थित राम बैंक अद्भुत बैंक है जहां विन्रमता, कृपा, दया और भक्ति की बारिश होती है। यहां राम आते हैं अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। राम रमापति बैंक का नाम भी अपने आप में महत्व प्रदान करता है यह वह जगह है जहां रमा अर्थात [लक्ष्मी] धन को भी राम नाम के रूप में संचित किया जाता है।

 

 

Moulshree Tripathi