बलरामपुर में राप्ती और पहाड़ी नाले उफान पर, बाढ़ का संकट गहराया

punjabkesari.in Sunday, Aug 05, 2018 - 03:24 PM (IST)

गोण्डाः नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में राप्ती नदी समेत करीब दर्जन भर पहाड़ी नालों का जलस्तर निरंतर बढऩे से तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है।  केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार राप्ती नदी खतरे के निशान 103.970 को पारकर करीब 36 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। राप्ती नदी के तेज बहाव और उतार चढ़ाव से नदी के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में निचले हिस्से की भूमि जलप्लावित है। राप्ती के तट पर बसे जबदहा जबदही , मानकोट व अन्य कई गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से घुसने लगा है।

उधर , तुलसीपुर तहसील इलाके में खरझार , हेन्गहा , भाभर , बनकटवा समेत करीब एक दर्जन पहाड़ी नालों की तेज कटान से तटवर्ती गांवों में जलभराव के बाद अब खरझार बांध को भी खतरा पैदा होने लगा है जबकि लगभग बीस गांवों पर बाढ़ का संकट मंडराने लगा है।  नाले का जलस्तर बढऩे के कारण फैले पानी ने निचली सतह पर कृषि योग्य भूमि अपनी आगोश में ले लिया है। 

कई गांवों का संपर्क रास्ते पर पानी आ जाने के कारण मुख्य सड़क से कट गया है। जलभराव के कारण गांवों में पठन पाठन कार्य ठप है। पिछले कई दिनो से दूषित जलभराव से जलजनित और संक्रामक रोगों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों को रोजी रोटी का संकट पैदा होने लगा है।  इसके अलावा जिले के सभी क्षेत्रों में विगत करीब दस दिनो से हो रही मंद मंद बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जगह जगह दूषित जलभराव के कारण जिला वासियों का दुर्गंध और गंदगी फैलने से जीना मुहाल है। 

आपदा प्रबंधन सूत्रों के अनुसार जिले में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये पहले से मौजूद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्यीय आपदा मोचन बल के संग पीएसी , जल पुलिस, गोताखोर जवान, बाढ़ चौकियों पर तैनात स्वास्थ्य , बचाव कर्मी राहत में जुटे है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, बरसात के कारण ट्रैक के नीचे मिट्टी धंसने की आशंका को लेकर गोण्डा-बढऩी रेल प्रखंड पर पैट्रोमैन की चौकसी बढ़ा दी गई है। 

Ruby