दशहरे पर आज हुई दशानन मंदिर में रावण की पूजा, भक्तों ने मांगीे लंकेश से मन्नतें

punjabkesari.in Tuesday, Oct 11, 2016 - 03:20 PM (IST)

कानपुर: दशहरे पर आज यूं तो पूरे देश में अच्छाई पर बुराई की विजय के रूप में भगवान राम की पूजा हो रही है लेकिन कानपुर के शिवाला इलाके में एक मंदिर एेसा है जहां शक्ति के प्रतीक के रूप में आज सुबह से लंकाधिराज रावण की पूजा अर्चना और आरती हो रही है तथा श्रध्दालु अपने लिये मन्नतें मांग रहे हैं। इस मंदिर का नाम ‘‘दशानन मंदिर’’ है और इसका निर्माण 1890 के आसपास हुआ था। 

दशानन मंदिर के दरवाजे साल में केवल एक बार दशहरे के दिन ही सुबह नौ बजे खुलते हैं और मंदिर में लगी रावण की मूर्ति का पहले पूरी श्रध्दा और भक्ति के साथ श्रृंगार किया जाता है और उसके बाद रावण की आरती उतारी जाती है तथा शाम को दशहरे में रावण के पुतला दहन के पहले इस मंदिर के दरवाजे एक साल के लिये बंद कर दिये जाते है। 

यह मंदिर आज सुबह दशहरे के दिन सुबह नौ बजे खुला और और शाम को रामलीला में रावण वध से पहले बंद हो जायेगा। रावण के इस मंदिर में होने वाले समस्त कार्यक्रमों के संयोजक के के तिवारी ने आज पीटीआई भाषा को बताया कि शहर के शिवाला इलाके में कैलाश मंदिर परिसर में मौजूद विभिन्न मंदिरों में भगवान शिव मंदिर के पास ही लंका के राजा रावण का मंदिर है। 

यह मंदिर करीब 126 साल पुराना है और इसका निर्माण महाराज गुरू प्रसाद शुक्ल ने कराया था। उनका दावा है कि आज शाम तक रावण के इस मंदिर में करीब 15 हजार श्रधालू रावण की पूजा अर्चना करने आयेंगे। मंदिर के संयोजक तिवारी बताते है कि इस मंदिर को स्थापित करने के पीछे यह मान्यता थी कि रावण प्रकांड पंडित होने के साथ साथ भगवान शिव का परम भक्त था इस लिए शक्ति के प्रहरी के रूप में यहां कैलाश मंदिर परिसर में रावण का मंदिर बनाया गया था।