मारा गया अहंकार का प्रतीक रावण, लखनऊ में हुआ 121 फीट ऊंचे पुतले का दहन

punjabkesari.in Sunday, Oct 01, 2017 - 09:33 AM (IST)

लखनऊ: अहंकार के प्रतीक रावण का पुतला दहन कर यूपी में बुराई पर अच्छाई  की विजय की जीत का पर्व दशहरा हर्षोल्लास से मनाया गया। विजय दशमी के दिन राजधानी के ऐशबाग स्थित रामलीला मैदान में 3 मिनट के आतिशबाजी के बाद 121 फीट के रावण का दहन किया। इसके साथ ही राज्य के कई जिलों से दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन की सूचना है। महोबा में प्रतिमा विसर्जन के दौरान 2 युवकों की तालाब में डूब जाने से मृत्यु हो गई। सूबे के अन्य जिलों से विसर्जन के दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
                 
जानकारी के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में इस अवसर पर खास आयोजन किए गए। अयोध्या के आसपास की कई रामलीलाओं में मुसलमानों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कुछ रामलीलाओं में तो मुस्लिम युवकों ने किरदार भी निभाए। मुमताजनगर रामलीला के आयोजक उसी गांव के प्रधान जकी अहमद हैं। अहमद 90 के दशक से रामलीला आयोजन समिति के प्रबंधक हैं। उन्होंने 1992 में भी रामलीला का आयोजन कराया था। उस वर्ष विवादित ढांचा ध्वस्त हुआ था।
                 
साम्प्रदायिक उन्माद का माहौल था, लेकिन अहमद ने इस सबकी परवाह किए बगैर रामलीला के आयोजन को जारी रखा। इस वर्ष की रामलीला में मोहम्मद सैफ और मोहम्मद कैफ नाम के 2 जुड़वा भाई नल, नील की भूमिका निभा रहे हैं। दोनों ही स्थानीय भाषा अवधी में कहते हैं, ‘काहे का हिन्दू काहे का मुसलमान, हमका नीक लागत्थय है तौ हम रामलीला मा काम करित्थय है।’ मोहम्मद कैफ का कहना है कि वह 2-3 वर्षो से रामलीला में विभिन्न किरदार निभा रहा है, आगे जरुरत पड़ी तो अन्य भूमिकाओं में नजर आऊंगा। रामलीला में काम करके उसे अच्छा लगता है।
                 
उसका कहना है कि इससे उसके गांव की नई पीढ़ी के बच्चों में अच्छा संदेश जा रहा है। मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दे भी उन लोगों को एक दूसरे से दूर नहीं कर सकते। जकी अहमद ने कहा कि शुरुआती दौर में उन्हें अपने लोगों की आलोचना सुननी पड़ी लेकिन अब वही लोग रामलीला के आयोजन में आगे आकर सहयोग दे रहे हैं। उन्हें लगा होगा कि जब एक जगह ही रहना है तो मिल जुल कर क्यों न रहा जाए।