हैंडीक्राफ्ट सामग्री के लिए वाराणसी में होगी ‘रॉ मैटेरियल बैंक'' की स्थापना

punjabkesari.in Saturday, Feb 06, 2021 - 03:46 PM (IST)

वाराणसी:  उत्तर प्रदेश में वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने यहां बनने वाले आठ तरह के जीआई उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच आसान करने के मद्देनजर नई टेक्नोलॉजी की मदद से आकर्षक डिजाइन, पैकेजिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आयुक्त सभागार में डिजाइन डेवलपमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पैकेजिंग के गत दिवस आयोजित 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त 87 लोगों को प्रमाण पत्र दिया।

बता दें कि कार्यक्रम में वुडेन कार्विंग, स्टोन कार्विंग, जरी जरदोजी एवं गुलाबी मीनाकारी का कार्य करने वाले स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण दिया गया था। इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा कि उन उत्पादों की मांग बाजार में अधिक है। आकर्षक डिजाइनिंग एवं पैकेजिंग के साथ राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने के साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात किया जाएगा। सॉफ्ट स्टोन से बनने वाले जीआई उत्पाद के लिए बुंदेलखंड के खादान से आने वाले पत्थर की उपलब्धता यहां के कारीगरों को सुनिश्चित कराये जाने के संबंध में ठोस उपाये किये जाएंगे। बुंदेलखंड के पत्थर यहां के लोगों को सुगमता से उपलब्ध हो सके।

इसके अलावा अन्य हैंडीक्राफ्ट सामग्री के लिए वाराणसी में ‘रॉ मैटेरियल बैंक' की स्थापना की जाएगी ताकि इससे जुड़े लोगों को जरूरी माल सुगमता से उपलब्ध हो सके। उन्होंने हैंडीक्राफ्ट का कार्य करने वाले कारीगरों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि प्रशिक्षण से प्राप्त प्राप्त ज्ञान के द्वारा वे अपने उत्पादों को आधुनिक बाजार की मांग के अनुसार तैयार करे ताकि देशी-विदेशी बाजारों की मांग पूरी की जा सके। उन्होंने काशी में बनने वाले जीआई उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटिंग एवं ई-मार्केटिंग से जोड़े जाने पर विशेष जोर दिया ताकि इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों आसानी बेचा जा सके।

मंडलायुक्त ने संयुक्त आयुक्त उद्योग को निर्देशित करते हुए कहा कि स्टोन कार्विंग एवं वुडेन कार्विंग का कार्य करने वाले लोगों को कार्य के दौरान उड़ने वाले डस्ट एवं बुरादे के साइड इफेक्ट से बचने के द्दष्टिगत उनके लिए कार्य के दौरान लगाये जाने के लिये मास्क आदि की डिजाइनिंग कराने को कहा। उन्होंने काशी में बनने वाले जीआई उत्पादों की प्रोटोटाइप प्रदर्शनी अवलोकन कर उससे जुड़े लोगों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मांग के अनुरूप अपने सामग्रियों को और बेहतर बनाये जाने पर विशेष जोर दिया।

 

 

 

 

Content Writer

Moulshree Tripathi