बिल्डिंग के नाम पर छात्रों से की जा रही पैसों की वसूली, जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश

punjabkesari.in Monday, Jan 15, 2018 - 02:17 PM (IST)

गाजीपुरः सूबे की योगी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का रुख अख्तियार करने का दावा करती रही है। वहीं आए दिन हो रही भ्रष्टाचार की वारदातों से साफ पता लगता है, कि योगी सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने की कुशल रणनीति बनाने में कामयाब नहीं हो पा रही। ताजा मामला एक इंटर कॉलेज का है। जहां पर छात्रों से टीचरों को वेतन देने के नाम और स्कूल बिल्डिंग के नाम पर बच्चों से 500 रूपए की वसूली की जा रही है। बच्चों के ना करने पर उनके प्रवेश पत्र रोकने की धमकी भी दी जा रही है। 

जानकारी के मुताबिक ताजा मामला गाजीपुर जनपद के गहमर गांव का है। जहां गहमर इंटर कॉलेज के छात्रों का आरोप है कि स्कूल के प्रधानाचार्य प्रतिदिन असेंबली में इस बात का एलान करते हैं कि सभी छात्रों को 500 रूपए स्कूल में जमा कराना अनिवार्य है। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए प्रवेश पत्र नहीं उपलब्ध कराया जाएगा। 

प्रधानाचार्य की इस मांग को छात्रों ने आर्थिक उत्पीड़न बताते हुए शुल्क नहीं देने की बात कही है। वहीं कुछ छात्रों ने अपने भविष्य को अधेरे में ना डालते हुए 500 रूपए स्कूल में जमा करने में ही अपनी भलाई समझी। वहीं इस चोली के पीछे क्षेत्रीय विधायक सुनीता सिंह का भी हाथ बताया जा रहा है क्योंकि उन्होंने लिखित में पत्र स्कूल प्रबंधक को दिया है जबकि इस पत्र के बाबत प्रधानाचार्य इनकार करते नजर आ रहे हैं।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र के कुछ जिम्मेदार अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के इस धन उगाही अभियान को लेकर जिलाधिकारी से लिखित शिकायत की है। प्रधानाचार्य से इस प्रकरण में उनका पक्ष जानना चाहा तो प्रधानाचार्य का तर्क है कि जमा किए हुए रकम से अस्थाई तौर पर नियुक्त शिक्षकों की तनख्वाह दी जाएगी।

वहीं इस मामले में जिलाधिकारी का कहना है कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक को जांच की जिम्मेदारी दी है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।