यूक्रेन में फंसे कानपुर के छात्र! वीडियो कॉल पर पल-पल की अपडेट ले रहे परिजन, बोले- बेसमेंट में छिपे बच्चे

punjabkesari.in Friday, Feb 25, 2022 - 03:56 PM (IST)

कानपुर: यूक्रेन पर रूस के हमले से अमेरिका और यूरोपीय यूनियन में खलबली मची हुई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद यूक्रेन पर भीषण हमला बोल दिया गया है। इसका असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है, क्योंकि कई भारतीय छात्र युक्रेन में फंसे हुए हैं, यहां यूक्रेन और रूस के युद्ध की वजह से यूपी के तमाम परिवारों की टेंशन बढ़ गई है।

दरअसल यूपी के तमाम छात्र वहां फंस गए हैं। इन छात्रों के परिवारवाले अपने-अपने बच्चों से वीडियो कॉल पर पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। उन्हें हर वक्त यही चिंता है कि उनके अपने जल्द भारत लौट आएं। इसी कड़ी में कानपुर शहर के भी रहने वाले कई छात्र-छात्राओं की फंसे होने की जानकारी मिल रही है। जिसमें सूटर निवासी विनोद यादव के दो बच्चे यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे।

 

इस बारे में पिता विनोद यादव ने बताया है कि नेशनल खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी के होस्टल नंबर 5 में है। अक्षरा और आरव कुमार दोनों सेकंड ईयर के फोर्थ सेमेस्टर में है। इस समय होस्टल के बेसमेंट में सुरक्षा के तौर पर रख दिया गया है। शाम को 8:00 बजे तक बच्चों से बात हुई है। दोनों सुरक्षित हैं बच्चों से बातचीत में बताया है कि उन लोगों को अंदर ही रोक दिया गया है बाहर निकलना मना है।

 

दोपहर में खाना मिला था लेकिन शाम का खाने का अभी तक कुछ पता नहीं है। अपने पास जो नाश्ता ले गए थे। उन्होंने कहा कि उसी से काम चल रहा है। अभी तक इंडियन गवर्नमेंट और लोकल प्रशासन की तरफ से किसी ने संपर्क नहीं किया गया। वहीं पूरा परिवार भारत सरकार से आस लगाए है कि उनके बच्चे को सुरक्षित जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए।

 

वहीं चकेरी के सुभाष रोड लालबंगला निवासी आकांक्षा शुक्ला ने परिजनों को फोन से बताया कि अब युद्ध में यूक्रेन में भूखे मरने की नौबत है। वहीं, भारतीय दूतावास से मदद नहीं मिल रही है। आकांक्षा के पिता एनके शुक्ला ने बताया कि उनकी बेटी 4 साल पहले एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थी। वो यूक्रेन में फंसी हुई है।

 

उन्होंने बेटी की वापसी के लिए सरकार से गुहार लगाई है। वे लोग बेटी की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। उनकी मां शशि शुक्ला व भाई अभिषेक बहुत डरे हुए हैं।

 

हालांकि अभी तक इंडियन एबेंसी से कोई मदद न मिलने पर परिजन बता रहे है


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रूस यूक्रेन युद्ध #सम्राज्यवादी और हथियारों के सौदागरो को समय समय पे #हथियार बेचने होंते हैँ हर बार ज़ुल्म का शिकार छोटे #कमज़ोर होते हैँ और ज़ुल्म करने वाला खुद को #शांतिदूत समझता हैँ इस हथियारों के सौदागरो मे सब बड़ी #शक्तियां शामिल हैँ और रूस हो या अमेरिका कुछ कुछ समय मे अशांति कर के शांति से दुनिया को हथियार बेचते हैँ भारत के छात्रों को नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया जाये
- Fakhrul Hasan Chaand (@chaandsamajwadi) 25 Feb 2022
 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj