जेल से रिहा व्यक्ति की पुलिस के खिलाफ याचिका, पूछा-निर्दाेष था तो गिरफ्तार क्यों किया?

punjabkesari.in Tuesday, Jul 04, 2017 - 03:54 PM (IST)

सहारनपुर: हिंसक घटनाओं को लेकर गिरफ्तार किए गए एक युवक ने जेल से रिहा होने के बाद सहारनपुर पुलिस के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल कर कहा है कि जब वह निर्दाेष था तो उसे गिरफ्तार क्यों किया गया? उसने कहा कि गिरफ्तारी से उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है।

उसने सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक (देहात) विद्या सागर मिश्र और थानाध्यक्ष बडगांव मुनेन्द्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अदालत ने इस मामले में 10 जुलाई की तारीख तय की है। वहीं, पुलिस अधीक्षक ने कहा कि गिरफ्तारी और रिपोर्ट देने का कार्य पुलिस क्षेत्राधिकारी का है तथा किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर संबंधित व्यक्ति को आरोपी नहीं बनाया गया था। उन्होंने कहा कि वह अदालत में जवाब देंगे।

मिश्र ने कहा कि जातीय हिंसा की घटना को लेकर कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था । बाद में इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था और इस टीम ने जांच के बाद 8 लोगों को निर्दाेष पाया तथा अदालत के माध्यम से उन्हें जेल से रिहाई मिल गई। जेल से रिहा हुए थाना बडगांव क्षेत्र के अम्बेहटा चांद निवासी अनिल कुमार ने सवाल उठाया है कि जब वह वह निर्दाेष था तो उसकी गिरफ्तारी क्यों की गई। इस गिरफ्तारी से उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है। इसकी क्षतिपूर्ति कैसे होगी।

अनिल ने दावा किया कि निर्दाेष होने के बावजूद उसके साथ मारपीट की गई। उसके वृद्ध पिता से अभद्र व्यवहार किया गया। उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने मामला वापस न लेने पर उसे हिंसा के मामले में फंसाने की धमकी दी। शब्बीरपुर में 23 मई को हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जांच के बाद 8 लोगों की रिहाई हो गई थी।