राजनीतिक आकाओं के इशारे पर अधिकारी का बार-बार तबादला जनहित में नहींः HC

punjabkesari.in Friday, Nov 30, 2018 - 12:44 PM (IST)

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राजनीतिक दबाव में कर्मठ और ईमानदारी से काम करने वाली अधिकारी का दस साल में 11 बार और पिछले ढाई साल में 6 बार तबादला करने को शक्तियों का दुरूपयोग और दुर्भावनापूर्ण माना है जो जनहित में नहीं है। न्यायालय ने नगरपालिका परिषद गढ़मुक्तेश्वर हापुड़ की अधिशासी अधिकारी कुमारी अमिता वरूण का नगर पालिका परिषद मरहराए तबादला करने के आदेश को रद्द कर दिया है। 

न्यायालय ने याची को राजनीतिक दबाव में बार-बार तबादला कर परेशान करने के लिए निदेशक स्थानीय निकाय पर 50 हजार रूपये हर्जाना लगाया है। न्यायालय ने हर्जाना राशि का भुगतान दो माह में याची को किए जाने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति नीरज त्रिपाठी की खण्डपीठ ने अमिता वरूण की तबादले को चुनौती देने वाली दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए आदेश दिया। याचिका पर अधिवक्ता प्रभाकर अवस्थी ने बहस की।  

गौरतलब है कि विशेष सचिव ने निदेशक को मंत्री की इच्छा का पालन करते हुए याची का तबादला करने का आदेश दिया। जिस पर यह तबादला कर दिया गया। न्यायालय ने इस पर तीखी टिप्पणी की और कहा कि निदेशक नियुक्ति अधिकारी होने के नाते स्वतंत्र निर्णय ले सकते हैं। लेकिन राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम करने की ब्यूरोक्रेसी की प्रवृत्ति के कारण एक कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार अधिकारी को परेशान किया जा रहा है। उसे राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम करने को विवश करने का प्रयास किया गया। याची के खिलाफ भ्रष्टाचार की कोई शिकायत नहीं है और न ही उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। एक बहादुर (बोल्ड) लेडी अधिकारी को इसलिए बार-बार स्थानांतरित किया जा रहा है कि वह राजनीतिक लोगों की इच्छा के विपरीत कानून के तहत कार्य कर रही है।  
 

Ruby