देवों के बरसाये अमृत में गोता लगाने दौड़े नागा, शाही स्नान का शंखनाद

punjabkesari.in Tuesday, Jan 15, 2019 - 03:45 PM (IST)

प्रयागराजः दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ मेले में नागा सन्यांसियों ने मकर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में शाही स्नान कर शंखनाद किया। सभी अखाड़ों के स्नान का अलग-अलग समय निर्धारित किया गया था। इसकी शुरूआत 5.15 बजे पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अखाड़े से हुई और अन्त निर्मला अखाड़े के साधु संतो से होगा। 

48 दिन तक चलने वाले कुंभ की शुरुआत में सबसे पहले 6.30 बजे संगम तट पर शाही स्नान श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री पंचायती अटल अखाड़े के संत, संन्यासी शाही स्नान के लिए संगम तट पहुंचे। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के नागा संन्यासियों ने संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद पंचायती अटल अखाड़े के संत, आचार्य और महामंडलेश्वर संगम तट पर पहुंचे। 

7.15 बजे पंचायती निरंजनी अखाड़ा, तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़े के संत स्नान करने के लिए संगम तट पर पहुंचे। संत हर-हर महादेव का जयघोष करते रहे। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साधु-संतों ने स्नान किया। इसके बाद पंचायती अटल अखाड़े के संतों ने संगम तट पर डुबकी लगाई। साधु, महात्मा और नागा सन्यासी निर्धारित समय 6.15 बजे संगम तट पर पहुंचे। उन्होंने स्नान कर 40 मिनट बाद घाट खाली कर दिया। इसके बाद बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा के नागा सन्यासियों और महात्माओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

 

Ruby