कंगना का ऑफिस तोड़े जाने से साधु-संत नाराज, कहा- अयोध्या न आएं उद्धव ठाकरे, वर्ना...

punjabkesari.in Saturday, Sep 12, 2020 - 02:28 PM (IST)

अयोध्या: सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर शिवसेना को कटघरे में खड़ा करने वाली कंगना रनौत के ऑफिस तोड़े जाने पर अयोध्या के साधु-संतों में काफी आक्रोश है। बात संतों तक सीमित नहीं है बल्कि इनके साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद ने भी ऐलान कर दिया है कि अगर उद्धव ठाकरे अयोध्या आते हैं, तो एक साथ और एकजुट होकर उनको अयोध्या में ना सिर्फ घुसने से रोका जाएगा, बल्कि उनका कड़ा विरोध भी किया जायेगा।


बाला साहब ठाकरे के समय शिवसेना और अयोध्या का था अटूट रिश्ता
बता दें कि बाला साहब ठाकरे के समय शिवसेना और अयोध्या का एक अटूट रिश्ता था। अयोध्या के साधु संत हो या फिर आम अयोध्या वासी सभी शिवसेना को लेकर आदर का भाव रखते थे। लेकिन अयोध्या के वही साधु-संत आज कह रहे हैं कि अगर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या आते हैं तो उनको अयोध्या में घुसने नहीं दिया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद ने भी साफ कर दिया है कि जिस तरह शिवसेना की कार्यप्रणाली को लेकर अयोध्या के साधु-संतों और देशवासियों में आक्रोश है। जिसे देखते हुए वह साधु संतों के साथ खड़े हैं और उद्धव ठाकरे के अयोध्या आने पर एक साथ मिलकर उद्धव ठाकरे और शिवसेना का विरोध करेंगे और उनको अयोध्या में घुसने नहीं देंगे।


अयोध्या के हनुमान गढ़ी महंत राजू दास ने भी कहा कि बीएमसी ने कंगना का दफ्तर तोड़कर अच्छा नहीं किया। इसलिए उद्धव ठाकरे या शिवसेना का कोई भी नेता अयोध्या में आया तो उनका विरोध पुर जोर होगा।


ठाकरे का हिंदुत्व वादी मुखौटा अब सबके सामने उतर गया: शरद शर्मा
विश्व हिंदू परिषद के अवध प्रांत प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि कंगना रानौत के ऑफिस पर जिस तरह से बुल्डोजर चला वह दुर्भाग्यपूर्ण रहा। आज पूरा देश, साधु-संत उद्धव ठाकरे के विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि ठाकरे का हिंदुत्व वादी मुखौटा अब सबके सामने उतर गया है। उद्धव सरकार को कंगना से मांफी मांगनी चाहिए। साधु-संतों के साथ हम इसका विरोध करते हैं।

गौरतलब है कि बीते दिनों पालघर में दो साधुओं की हुई हत्या के बाद से ही महाराष्ट्र सरकार साधु संतों के निशाने पर है और अब कंगना रनौत के ऑफिस तोड़े जाने के बाद साधु-संतों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। साफ जाहिर है, जिस धरातल को तैयार करके कभी बाला साहब ठाकरे ने अपना अस्तित्व संवारा था आज वही धरातल शिवसेना के नीचे से खिसकता दिखाई दे रहा है। 

 

 

Umakant yadav