Muzaffarnagar News: अदालत में पेश हुईं साध्वी प्राची, मुजफ्फरनगर दंगा मामले में MP-MLA कोर्ट ने जारी किया था वारंट

punjabkesari.in Friday, Jan 13, 2023 - 06:36 PM (IST)

मुजफ्फरनगर, Muzaffarnagar News: जिले की एक स्थानीय अदालत में हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने यह कदम वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में पेश नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद उठाया। सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश मयंक जायसवाल ने साध्‍वी प्राची के आत्मसमर्पण के बाद उनके खिलाफ जारी वारंट को वापस ले लिया और आगे की सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की।

हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने का है आरोप
बता दें कि केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, साध्वी प्राची, भाजपा के पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह, पूर्व भाजपा विधायक उमेश मलिक, डासना मंदिर (गाजियाबाद) के महंत यति नरसिंहानंद समेत कई लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है जिसकी सुनवाई सांसद-विधायक अदालत में चल रही है। इनमें कई लोग अदालत में पेश होकर अपनी जमानत करा चुके हैं। इन सभी पर आरोप है कि उन्‍होंने नगला मंडोर की महापंचायत में भाग लिया जहां 31 अगस्‍त 2013 का अपने भाषणों के माध्‍यम से निषेधाज्ञा का कथित उल्लंघन किया और हिंसा के लिए भीड़ को उकसाया।

युवती के साथ के छेड़खानी के बाद भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि जाट और मुस्लिम समुदाय के बीच 27 अगस्त 2013 को कवाल गांव में कथित तौर पर एक युवती के साथ छेड़खानी हुई थी। पीड़ित मलिक पुरा गांव की लड़की के द्वारा जानसठ पुलिस में कई बार शिकायत की गई लेकिन मामले में पुलिस द्वारा कोई मदद नहीं की। उसके बाद जातिय संघर्ष हो गया। दौरान मुस्लिम युवक शाहनवाज कि हत्या कर दी गई। इसके बाद पुलिस कप्तान मंजिल सैनी और डीएम मुजफ्फरनगर सुरेंद्र सिंह जाट के द्वारा कुछ मुस्लिम युवकों को कव्वाल से गिरफ्तार कर लिया गया। उसी रात उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस कप्तान मंजिल सैनी और डीएम सुरेंद्र सिंह जाट का मुजफ्फरनगर से तबादला कर दिया गया और सभी मुस्लिम युवकों को थाने से ही छोड़ दिया गया इस घटना ने जाटों में बेचैनी बढ़ा दी और उनका विश्वास सरकार से खत्म हो गया एकतरफा कार्रवाई ने दंगे में के खालापार में जुम्मे की नमाज के बाद जनसभा में भड़काऊ भाषण जाटों के खिलाफ दिए गए और नतीजे भुगतने की धमकी दी गई इससे जाटों द्वारा भी नगला में महापंचायत बुलाई गई जिसमें कहा गया बेटियों के सम्मान में जाट मैदान में पंचायत के बाद घरों को लौटते हुए जाटों पर जोली नहर और अनेकों रास्तों पर जैसे पुरबालियान ने मुस्लिम समाज के लोगों ने जानलेवा हमला किया और चार पांच लोगों को जान से मार दिया।

लाखों की संख्या में मुस्लिम शरणार्थी कैंपों में रहने को हुए थे विवश
हिंसा इतनी भड़क गई की जनपद में भारतीय सेना बुलानी पड़ी इसके बाद लाखों की संख्या में मुस्लिम शरणार्थी कैंपों में रहने को विवश हो गए पूरे जनपद को दंगे ने अपने घेरे में ले लिया था कुटबा कुटबी फुगाना पुरबालियान जौली अनेकों गांवों में जीवन संघर्ष हुआ मुस्लिम बाहुल्य गांवों से दलित समाज के लोगों ने पलायन किया जाट बहुल इलाकों से मुस्लिम फरार हो गए। मुजफ्फरनगर और आस-पास के इलाकों में हुए सांप्रदायिक दंगों में 60 लोगों की जान गई थी और 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। 

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Ramkesh