मासूम बेटी के जज्बे को सलाम, Lockdown में ई-रिक्शा चलाकर कर रही परिवार का भरण-पोषण

punjabkesari.in Monday, Apr 27, 2020 - 10:46 AM (IST)

मुजफ्फरनगर: कोरोना वायरस के चलते जहां पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है। वही, संपूर्ण देश में लॉकडाउन से कोरोना वायरस कि इस चेन को तोड़ने का एक सार्थक प्रयास भी किया जा रहा है, लेकिन जहां इस लॉकडाउन के चलते आर्थिक रूप से कमजोर मजदूर तबके के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई। वहीं सरकार भी हर संभव प्रयास कर रही है कि मजदूर और गरीब तबके के लोगों के पास हर संभव मदद पहुंचाई जा सके। परंतु कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो अब भुखमरी की कगार पर पहुंच गए है।

ताजा मामला मुजफ्फरनगर खतौली थाना क्षेत्र का है। जहां एक 13 साल की मासूम बच्ची अमरीन अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने और परिवार के भरण-पोषण के लिए ई-रिक्शा चलाकर लॉकडाउन में भी मजदूरी करने को विवश है। लॉकडाउन के चलते जब परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी तो संकट की इस घड़ी में परिवार की इस सबसे बड़ी और लाडली बेटी ने आगे बढ़कर जिम्मेदारी संभाली और सुबह 3 घंटे लॉकडाउन में मिलने वाली छूट में ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करने का निर्णय लिया।

आपको बता दें कि मोहल्ला सदीक नगर में रहने वाले जरीफ के परिवार का लॉकडाउन के चलते जब घर का खर्च चलना मुश्किल हो गया तो घर की बड़ी बेटी अमरीन ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए घर का खर्च उठाने का निर्णय लिया और शासन द्वारा लॉकडाउन में मिली सुबह 6:00 से 9:00 के बीच  3 घंटे छूट में  ई-रिक्शा चलाकर घर का खर्च उठा रही है।  ई-रिक्शा चलाकर अमरीन रुपए कमा कर अपने पिता का सहारा और परिवार का पालन पोषण कर रही है। हर कोई आज इस मासूम के जज्बे को सलाम कर रहा है और यह कहता नजर आ रहा है कि वाकई में बेटियां बेटों से कम नहीं होती।
 


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