23 मार्च को गाजीपुर पहुंचेंगे संघ प्रमुख मोहन भागवत, सिद्धपीठ हथियाराम मठ में ''बुढ़िया माई'' के करेंगे दर्शन-पूजन

punjabkesari.in Monday, Mar 21, 2022 - 09:26 AM (IST)

गाजीपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघचालक मोहन भागवत 23 मार्च को यहां सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर दर्शन पूजन करेंगे। सिद्धपीठ के सूत्रों के अनुसार सरसंघचालक 23 मार्च को हथियाराम मठ में सिद्धपीठ के अधिष्ठात्री देवी वृद्धम्बिका देवी (बुढि़या माई) के दर्शन पूजन करेंगे। इसके बाद वह सिद्धपीठ के 26वें पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज से मुलाकात करेंगे।

भागवत का सह निजी धार्मिक कार्यक्रम बताया जा रहा है। यात्रा के संबंध में जिले में कोई अधिकृत सूचना नहीं है लेकिन सिद्धपीठ पर उनके आगमन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। लगभग 700 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ के विभूषण से अलंकृत सिद्धपीठ हथियाराम मठ के पीठ पर आसीन होने वाले संत यति सन्यासी कहे जाते हैं। इस गद्दी की परंपरा दत्तात्रेय, शुकदेव तथा शंकराचार्य से प्रारंभ होती है। मठ का प्रमाण सामान्य जनश्रुति, प्राचीन हस्तलिपि, लिखित पुस्तक तथा भारतीय इतिहास में मिलता है।

गौरतलब है कि सिंह श्याम यति से इस पीठ की संत परंपरा प्रारंभ हुई। यह देश की प्रसिद्ध सिद्धपीठों में शुमार है। इस मठ की शाखाएं देश के कोने-कोने में फैली हुई है जिसके लाखों शिष्य हैं। महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति 26वें पीठाधीश्वर के रूप में सिद्धपीठ हथियाराम की गद्दी पर हैं। सिद्धपीठ की कार्यपद्धति पर प्रकाश डालते हुए यति जी ने कहाकि सिद्धपीठ हथियाराम मठ के ब्रह्मलीन गुरुजी लोग प्राचीन समय से ‘भज सेवायाम' को मूल मंत्र मानते हुए समाज सेवा को भी भजन का ही स्वरूप मानते रहे।

मान्यता है कि सिद्ध पीठ हथियाराम मठ स्थित बृद्धम्बिका देवी (बुढि़या माई) बुढि़या माई के दर्शन मात्र से लकवा जैसे असाध्य रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है। प्राचीन काल में घने जंगलों के बीच मिट्टी के चौरी के रूप में विद्यमान बुढि़या माई की चौरी के आसपास हाथियों का झुण्ड, सिद्ध सन्तों की साधनास्थली सिद्धपीठ बनी।


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Mamta Yadav

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