भाजपा  सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य ने पिता के सवाल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ा

punjabkesari.in Friday, Feb 24, 2023 - 05:33 PM (IST)

बदायूं:  सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य ने केंद्र सरकार के बजट पर बात करने को बुलाई पत्रकार वार्ता में अपने पिता व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर किए गये सवालों पर किनारा कर लिया। इतना ही नहीं वह पत्रकार वार्ता बीच में छोड़कर हट गई।



केंद्रीय बजट को लेकर आवास पर बुलाई थी प्रेस कॉफ्रेंस
केंद्रीय बजट को लेकर गुरुवार को लोकसभा सांसद डॉ. संघमित्रा ने अपने कार्यालय पर प्रेस कॉफ्रेंस बुलाई थी। इसमें उन्होंने कहा कि अमृत काल का पहला आम बजट 2023-24 एक लोक कल्याणकारी बजट है। इसी बीच पत्रकारों ने रामचरित मानस पर उनके पिता सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा की गई टिप्पणी पर सवाल किया। सांसद डॉ. सघमित्रा ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 तक बयान देने के लिए काफी समय है। अभी केवल बजट पर ही चर्चा करेंगी। भाजपा ने कहा था प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए इसलिए कर रही हूं। इतना कहने के साथ वह कुर्सी से उठीं और अलग जाकर खड़ी हो गई।

बदायूं से BJP के टिकट पर जीती थी संघमित्रा
आपको बता दें कि संघमित्रा मौर्य ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले बदायूं लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और सपा प्रमुख के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को हराया था। इस सीट पर यादव वोटर के अलावा कुशवाहा समाज की भी अच्छी पकड़ हैं। इस चुनाव में संघमित्रा को 5 लाख 11 हजार 352 वोट मिले थे। वहीं धर्मेंद्र यादव को 4 लाख 92 हजार 898 वोट मिला था।  



मेरा इस विवाद से कोई लेना देना नहीं हैं- मौर्य की बेटी संघमित्रा 
वर्ष 2019 में भाजपा के टिकट पर बदायूं से लोकसभा की सांसद चुनी गयीं संघमित्रा मौर्य गौतम 2024 के आम चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं। एमबीबीएस की शिक्षा प्राप्त संघमित्रा मौर्य (38) ने पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को हराया था। श्रीरामचरितमानस को लेकर अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादास्पद बयान पर सांसद मौर्य ने कहा, ‘‘सारी चीजें स्पष्ट हो चुकी हैं, इस पर इतना बवाल क्यों हो रहा है? खत्म करिए अब इस मामले को।'' उन्होंने कहा, ‘‘किसी और विषय पर आप बात करना चाहते हों तो करिए। मैं इस विषय पर अब बात नहीं करना चाहती हूं। मेरा इस विवाद से कोई लेना देना नहीं हैं।'' 

क्या कहा थी स्वामी प्रसाद मौर्य ने?
सपा नेता मौर्य ने कहा था, ‘‘धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है। अगर रामचरितमानस की किन्ही पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं बल्कि अधर्म है। रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों (दोहों) में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है।'' मौर्य ने कहा था, ‘‘इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। इसी तरह से रामचरितमानस की एक चौपाई यह कहती है कि महिलाओं को दंड दिया जाना चाहिए। यह उनकी (महिलाओं) भावनाओं को आहत करने वाली बात है जो हमारे समाज का आधा हिस्सा हैं। अगर तुलसीदास की रामचरितमानस पर वाद-विवाद करना किसी धर्म का अपमान है तो धार्मिक नेताओं को अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों तथा महिलाओं की चिंता क्यों नहीं होती। क्या यह वर्ग हिंदू नहीं है?'' 

Content Writer

Ajay kumar