कुंभ से पहले सुधरेगी संतान तीर्थ श्रृंगवेरपुर की सीरत, तैयार होगा टूरिस्ट फैसलिटी सेंटर

punjabkesari.in Wednesday, Oct 10, 2018 - 03:25 PM (IST)

इलाहाबादः योगी सरकार ने रामायण कालीन एवं पौराणिक स्थल के रूप में चर्चित श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि ‘श्रृंगवेरपुर धाम’ को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने एवं पर्यटन स्थल के रूप को बढ़ावा देने के लिए करीब 29 करोड़ रूपये की लागत से कई योजनाएं मंजूरी दी है। राज्य सरकार कुंभ मेला से पहले श्रृंगवेरपुर धाम में टूरिस्ट फैसिलिटी सेेंटर का निर्माण और इसके साथ अन्य कार्यों को भी प्राथमिकता के साथ कराने की तैयारियों में जुटी है। 

पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने सेंटर के निर्माण कार्यों का अब तक दो बार स्थलीय निरीक्षण भी किया है। श्रृंगवेरपुर की सूरत बदलने के लिए निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। पर्यटन उपनिदेशक दिनेश कुमार ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से सरकार ने निर्णय लिया है कि वन गमन के दौरान श्रीराम के चरण जहां पड़े हैं वहां रामायण सर्किट का निर्माण कराया जाएगा। इनमें श्रृंगवेरपुर, पंचवटी, महाराष्ट्र, अयोध्या और चित्रकूट शामिल है। श्रृंगवेरपुर का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है।

कुमार ने रामायण और पुराणों का हवाला देते हुए बताया कि रघुवंश के विस्तार के लिए राजा दशरथ ने श्रंगवेरपुर में ही श्रृंगी ऋषि से पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था। यज्ञ के पश्चात दशरथ के तीनों रानियों से त्रेता युग के महानायक पुरूषोत्तम श्रीराम समेत 4 पुत्रों का जन्म हुआ था। श्रीराम के जन्म की वजह से श्रंगवेरपुर को संतान तीर्थ भी कहा गया है। श्रापित होने के कारण राजा दशरथ को कोई संतान नहीं हो रही थीं। श्रृंगी ऋषि की यज्ञ के फलस्वरूप तीनों रानियों कौशल्या, सुमित्रा तथा कैकेयी से श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। 
 

Deepika Rajput