यूक्रेन में फंसे सत्येंद्र ने पंजाब केसरी से साझा किया मौजूदा हालात, कहा- अभी तक इंडियन एंबेसी ने नहीं किया कॉन्टैक्ट

punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 12:54 PM (IST)

प्रयागराज: यूक्रेन में रूस के हमले के बाद पूरे यूक्रेन में भारी तबाही की भयावह तस्वीर देखने को मिल रही है। कल गोलीबारी के दौरान कर्नाटक के एक छात्र की मौत हो गई जिससे पूरे भारत देश में गम का माहौल है। हालांकि यूक्रेन से कई छात्र स्वदेश पहुंच चुके हैं लेकिन अभी भी हजारों छात्र रोमानिया में फंसे हुए हैं। वहीं प्रयागराज के भी कई छात्र भारत नहीं लौटे है।

इसी कड़ी में प्रयागराज के गंगापार इलाके के कोटवा गांव के रहने वाले सतेंद्र यादव का भी परिवार बेसब्री से बेटे का इंतजार कर रहा है। जब हमारी टीम उनके परिजनों से मिलने पहुंची तो उन्होंने बताया कि 1 मार्च से उनके बेटे से बात हो पा रही है जबकि बीते 2 दिनों तक कोई कांटेक्ट नहीं हुआ था। फोन बंद बता रहा था और उधर से भी कोई सूचना नहीं मिल पा रही थी। आज जब उनके बेटे का फोन आया तो उसने अपनी और फंसे लोगों की दर्द भरी कहानी सुनाई जिसमें उसने बताया कि 2 दिनों तक केवल बिस्कुट के सहारे उसने दिन बिताए हैं और अब वो यूक्रेन से रोमानिया पहुंच चुका है। रोमानिया के एक शेल्टर होम में 50 से अधिक भारतीयों को ठगराया गया है। जिसमें प्रयागराज के भी कई छात्र मौजूद है।

पंजाब केसरी टीम के समक्ष ही सत्येंद्र के पिता और उनके चाचा ने वीडियो कॉल करके वहां का हाल जाना। हमारे संवाददाता ने भी सतेंद्र से बात की और हौसला बनाए रखने की बात कही। सतेंद्र ने भी एक वीडियो भेज कर के वहां की तस्वीर को साझा किया जिसमें उसने बताया कि रोमानिया के एक एनजीओ ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए उन सभी छात्र छात्राओं को इस शेल्टर रूम में रुकवाया है और उनको भोजन भी मुहैया कराया जा रहा है। हालांकि उनका कहना है कि जब तक इंडियन एम्बेसी से कोई कॉल नहीं आएगी या कोई सूचना नहीं आएगी तब तक इन सभी छात्रों को यही पर रुकना है। बताया जा रहा है कि अभी इंडियन एम्बेसी ने इन छात्रों से कोई कांटेक्ट नहीं किया है।


उधर सतेंद्र के पिता वीरेंद्र यादव और उनके चाचा राजेन्द्र यादव ने बताया कि घर में सभी का रो रो कर बुरा हाल है। जब 2 दिन तक फोन ऑफ बताया और कोई भी बात नहीं हो पाई थी तब पूरा परिवार सहम और घबरा गया था। लेकिन जब आज सुबह फोन आया और वीडियो कॉल करके उन्होंने अपने बेटे को देखा तब उनकी जान में जान आई। सत्येंद्र 3 सालों से यूक्रेन में रह रहा है जहां वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। यूक्रेन समेत आसपास के देशों के क्या है हालात और उनके बेटे का कैसा सफर रहा है इसकी जानकारी के लिए पंजाब केसरी संवाददाता से सतेंद्र के पिता वीरेंद्र यादव और चाचा राजेन्द्र यादव ने खास बातचीत की।

 

Content Writer

Mamta Yadav