सविता ने शौचालय बनवाने के लिए बेच दिया मंगलसूत्र और बदल दी पूरे गांव की तस्‍वीर

punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2017 - 04:58 PM (IST)

गोरखपुरः औरत अगर देवी है तो चण्डी उसका दूसरा रूप माना जाता है। वहीं औरत अगर कुछ करने की ठान लेती है, तो उसे कोई रोक नहीं सकता। ये बात गोरखपुर की सविता ने साबित की है। जिसने अपनी सुहाग की निशानी बेचकर पीएम मोदी के सपने को पूरा किया है।

उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत अभियान पीएम मोदी का सपना होने के साथ-साथ बीजेपी का लक्ष्य भी है। वहीं शौच मुक्त अभियान को सविता ने अपने मंगलसूत्र की कुर्बानी देकर पूरा किया है। आप इतनी बात तो जानते ही है कि मंगलसूत्र एक भारतीय महिला के लिए क्या मायने रखता है।

खुले में शौच जाने पर मचाया घर में तूफान
दरअसल बूढ़ाडीह गांव की रहने वाली सविता की वीरेन्‍द्र मौर्य से शादी हुई, तो वह सविता को लेकर शिमला रहने के लिए चला गया। जब 8 माह बाद सविता अपने ससुराल बूढ़ाडीह पहुंची, तो उन्‍हें यह जानकर हैरत हुई कि उसे यहां खुले में शौच जाना होगा। उसके बाद तो घर में तूफान आ गया।

शौचालय के लिए गहने और मंगलसूत्र तक बेच दिया
सविता ने पति से खुले में शौच जाने से साफ इंकार कर दिया। उसे पता चला कि सुसराल में शौचालय नहीं है और लोग यहां पर खुले में शौच जाते हैं तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने पति को घर में शौचालय बनवाने के लिए कहा। जब पति ने 6 माह का समय मांगा, तो सविता ने अपने गहने और मंगलसूत्र बेच दिए।

गांव के लिए बन गई रोल मॉडल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में 'स्वच्छ भारत' का सपना देखा। लेकिन, यूपी के गोरखपुर की सविता ने यह सपना 2011 में ही देख लिया था। यही वजह है कि आज सविता पूरे गांव के लिए रोल मॉडल हैं। उसने न सिर्फ अपने घर में शौचालय का बनवाया, बल्कि पूरे गांव को खुले में शौच से मुक्त कर दिया।

शुरू में सहना पड़ा ग्रामीणों का विरोध 
सविता बताती हैं कि शुरू में उसे गांव के पुरुष और महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा। लेकिन वह हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठी। वह और उनकी टोली डंडा और सीटी लेक‍र सुबह और शाम खेत और सड़क की ओर शौच जाने वाले लोगों को समझाती हैं और खुले में शौच करने से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताती हैं।इतना ही नहीं सविता और गांव की महिलाएं अब प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के स्‍वच्‍छ भारत मिशन का हिस्‍सा भी हैं।

अब तक 160 घरों में बन गए शौचालय
ग्रामीण दुर्गा बताती है कि अब गांव में इसका असर दिखने लगा है। अब तक गांव में 160 घरों में शौचालय बन गए हैं और 300 घरों में और शौचालय बन रहे हैं। इसमें गांव के प्रधान राम भुआल का भी काफी सहयोग रहा है। उन्‍होंने सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता राशि उपलब्‍ध कराकर मदद की है। उनका कहना है कि वह दिन दूर नहीं, जब गांव खुले में शौच से मुक्‍त हो जाएगा।