देखिए, कैसे मौत के कश्ती में सवार होकर बुंदेलखंड से फतेहपुर पढ़ने आते हैं सैकड़ों बच्चे

punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2019 - 06:53 PM (IST)

फतेहपुरः चाहे केंद्र सरकार हो यां प्रदेश सरकार सभी को सबसे ज्यादा चिंता बुंदेलखंड वासियों की होती है, लेकिन इतनी फ़िक्र के बावजूद यमुना नदी से सटे गांव के बच्चों के पढ़ाई के लिए इंटर कॉलेज नहीं है। जिसके कारण बुंदेलखंड जिले के सैकड़ों बच्चे सरकार के दावों की पोल खोलते हुए जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। जबकि सरकार प्रत्येक वर्ष शिक्षा के लिए करोडों रुपये खर्च कर रही है।

क्या है मामला?
बता दें कि किशनपुर थाना क्षेत्र स्थित यमुना नदी, जो इस समय अपनी उफान पर है। उफान पर होने के बावजूद भी बच्चे देलखंड से यमुना नदी को पार कर शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। स्कूली बच्चों की माने तो उन्हें यमुना में आई बाढ़ की वजह से डर तो जरूर लगता है, लेकिन क्या करें जान जोखिम में डालकर शिक्षा लेने जरूर आते है, जबकि केंद्र और प्रदेश सरकार बुंदेलखंड के लिए अरबों रुपये का पैकेज देकर बुंदेलखंड की तस्वीर बदलना चाहती है।

बांदा के यमुना कटरी गांवों के किनारे पर एक भी विद्यालय नहीं
स्कूली बच्चों से बात की तो उनका कहना था कि बांदा के यमुना कटरी गांवों के किनारे एक भी विद्यालय नहीं है, जिसके लिए उन्हें फतेहपुर जनपद पढ़ने आना पड़ता है। वहीँ इस बारे में जब स्कूल प्रिंसिपल से बात की तो उनका कहना था कि लगभग आधा सैकड़ा बच्चा बांदा जनपद से यमुना नदी पार करके पढ़ने आता है और यह बच्चे पढ़ने में बहुत ही अच्छे हैं। इन बच्चो को बाढ़ आ जाने पर दिक्कत का सामना करना पड़ता है. जब तक पीपे का पुल बना रहता है। तब तक बच्चे आराम से आ जाते हैं, जब बारिश में बाढ़ आ जाती हैं तो पुल तोड़ दिया जाता है तो बच्चे नाव से होकर आते है। कई बार हादसा भी हुआ है।

जान जोखिम में डालकर पढ़ने जाते हैं बच्चे 
हालांकि इस बारे में जब डीएम साहब से बात की तो उनका कहना था कि यमुना किनारे बसे बांदा जनपद में स्कूल ना होने पर बच्चे यहां पढ़ने आते है। जिसके लिए बांदा डीएम से बात कर यमुना कटरी में स्कूल खोले जाने की बात की जाएगी। जिससे कोई बच्चा जान जोखिम में डालकर यहां ना आये।

उठता है ये सवाल?
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि सड़क से लेकर संसद तक सरकार विकास के एजेंडो में बात करती है, लेकिन बुंदेलखंड की बुनियादी समस्याओ को क्यों दुरुस्त नहीं करती। जिससे लोगों को जिंदगी दाव मे डालनी पड़े यह अपने आप में बड़ा सवाल है। क्या इस पर सरकार की नीद टूटेगी या किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही हैं सरकार?

Tamanna Bhardwaj