टूटने की कगार पर स्वयं सहायता समूह, सात लाख समूहों की आजीविका पर संकट

punjabkesari.in Monday, Feb 20, 2023 - 08:38 PM (IST)

लखनऊः राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के सात लाख स्वयं सहायता समूह टूटने की कगार पर हैं। इनको भुगतान करने के लिए 3 नवंबर 2022 में लांच किया गया प्रेरणा बजट मैनेजमेंट सिस्टम (पीबीएमएस) पोर्टल शुरू नहीं हो पाया है। पोर्टल में तकनीकी खराबी के कारण प्रदेशभर में महिला समूहों का गठन, उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य, बैंक अभियान आदि का अरबों रुपये बकाया है। जो न मिलने के कारण समूह के कार्य पूरी तरह से बंद हो गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक बार सात माह पहले भुगतान हुआ था। जबकि बैंक व कृषि सखियों से कराए गए कार्यों का डेढ़ साल भुगतान नहीं हुआ है। इस कारण महिलाएं समूहों से टूटने लगी हैं।



ग्राम पंचायत स्तर पर बनाए जाते हैं स्वयं सहायता समूह
स्वयं सहायता समूह ग्राम पंचायत स्तर पर बनाए जाते हैं। जिसमें 20-30 महिलाएं होती हैं और उन्हें घर बैठे छोटे काम के लिए स्टार्टअप, रिवालविंग फंड व आजीविका संवर्धन के लेनदेन, मानदेय, प्रशिक्षण व लिए लाखों रुपये ऋण दिया जाता है। जिससे वह ऋण अदायगी करने के साथ अपनी आजीविका चलाती है। जिसका भुगतान जिले स्तर से किया जाता था। जो राज्य मुख्यालय से करने के लिए नवंबर 2022 में केंद्रीयकरण कर पीबीएमएस पोर्टल लांच किया गया था।



दो बार बदली व्यवस्था, लेकिन भुगतान नहीं
वित्तीय वर्ष 2022-23 में पोर्टल से भुगतान करना था। इसलिए नवंबर तक भुगतान नहीं किया गया और अरबों की बकायेदारी होती गई। पोर्टल लांच हुआ तो तकनीकी खराबी को देखते हुए पुरानी व्यवस्था से भुगतान करने के निर्देश हुए। जिसके बिल बाउचर जुटाए गए। जो बाद में फिर पुरानी व्यवस्था से भुगतान करने को मना कर दिया गया। इस वर्ष साढ़े तीन लाख समूह नए बनाने थे, जो नहीं बन पाए।

Content Writer

Ajay kumar