Hathras stampede case: कासगंज पहुंचे स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ हरि नारायण साकार, अनुयायियों का लगने लगा जमावड़ा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2024 - 06:59 PM (IST)

Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ की घटना के बाद सुर्खियों में आये स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा बुधवार को कासगंज के पटियाली स्थित अपने आश्रम पहुंचे। भोले बाबा के यहां पहुंचने की सूचना मिलते ही उसके अनुयायियों का यहां पहुंचना शुरु हो गया है। भोले बाबा के वकील ए.पी. सिंह ने कासगंज में संवाददाताओं से कहा कि वह (भोले बाबा) अपने आश्रम पहुंच गए हैं और यहीं रहेंगे। वह यहां आश्रम से ही आए हैं। वह कभी किसी के घर, होटल या किसी दूसरे देश में नहीं गए। उन्होंने कहा कि कासगंज बाबा की जन्मस्थली है और वह आखिरी बार 2023 में एक दिन के लिए यहां आए थे और इससे पहले वे 2013 में यहां आए थे।

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हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में 2 जुलाई को स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक आयोग का गठन किया है। भगदड़ के मामले में दर्ज मुकदमे में बाबा का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था। एसआईटी ने गत जुलाई को राज्य सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में भगदड़ के पीछे किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया। एसआईटी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की ओर से चूक की ओर भी इशारा किया गया। रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया और दावा किया गया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।

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सूत्रों ने बताया कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने इस आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को उचित जानकारी देने में विफल रहे। भोले बाबा के वकील ने पिछली छह जुलाई को दावा किया था कि हाथरस में ‘कुछ अज्ञात लोगों' द्वारा छिड़के गए ‘किसी जहरीले पदार्थ' के कारण भगदड़ मची। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक अलग न्यायिक आयोग भी हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रहा है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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