कड़ाके की ठंडः कानपुर में 19 रोगियों की मौत, डॉक्टर्स ने दिए सुझाव

punjabkesari.in Saturday, Dec 28, 2019 - 10:01 AM (IST)

कानपुरः ठंड का कहर अब मौत बनकर टूट रहा है।तापमान गिरता ही जा रहा है। ऐसे में धमनियां सिकुड़ने से हृदय रोगियों की हालत बिगड़ जा रही है। स्वस्थ व्यक्तियों के साथ-साथ सांस के रोगियों की 19 रोगियों की मौत हो गई। कड़ाके की ठंड गंभीर रोगों को निमंत्रण दे रहे हैं।जान पर आफत है। शुक्रवार को

बता दें कि मरने वाले हृदय रोगियों में अधिकांश की तबीयत रात में बिगड़ी है। 7 रोगियों की हार्ट अटैक, दो की ब्रेन अटैक, 6 की सीओपीडी, दो की अस्थमा और दो की सेप्टीसीमिया से मौत हुई है। दोपहर तक हैलट इमरजेंसी में ब्रेन अटैक के 5 और सीओपीडी के 3 रोगियों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया। इसके बाद भी रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

स्वरूपनगर के रहने वाले रोहन (55) और आर्यनगर के विनोद (48) की क्षेत्र के अस्पताल में हार्ट अटैक से मौत हो गई। इनकी तबीयत रात में अचानक बिगड़ी और बेहोशी आ गई। इसी तरह कार्डियोलॉजी में ओपीडी स्तर पर इलाज करा रहे रावतपुर के हीरालाल (62), कल्याणपुर के स्वरूप पुरी (60) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। रामादेवी राजेश वैश्य (48) और रूपाली (40) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। हाई ब्लड प्रेशर से सांस फूलने पर परिजन उन्हें क्षेत्र के अस्पताल ले आए थे।

अस्पताल में दिखाने के बाद लखनऊ लेकर जा रहे जाजमऊ के कारोबारी शकील जावेद (55) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसी तरह ब्रेन अटैक से कल्याणपुर के राजकुमार (47), मंधना के रूपकुमार (52) की मौत हो गई है। ठंड के कारण रोगियों की नाकसे खून आ गया था। इन सभी का इलाज OPD स्तर पर चल रहा था। इसी तरह गोविंदनगर के रघुनंदन (48), किदवईनगर के आशिक (55) और मतेश (60) की सीओपीडी से मौत हुई है। ये अपना इलाज निजी विशेषज्ञ के यहां करा रहे थे।

ठंड और प्रदूषण के कारण चेस्ट संक्रमण हो रहा है गंभीर
GSVM मेडिकल कॉलेज के के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा ने कहा कि हृदय रोगी गर्मी में जो दवा की डोज खा रहे थे, वही जाड़े में भी खा रहे हैं। इससे ब्लड प्रेशर बेकाबू हो जा रहा है और ब्रेन अटैक पड़ रहा है। जाड़े में धमनियां और नसें सिकुड़ने लगती हैं। इससे हार्ट की समस्या गंभीर हो जा रही है। इसके अलावा इस वक्त ठंड और प्रदूषण के कारण चेस्ट का कोई भी संक्रमण गंभीर हो रहा है। सीओपीडी और अस्थमा के रोगियों की अचानक तबीयत बिगड़ती है और वेंटिलेटर पर रखने की नौबत आ जाती है। जरा सी लापरवाही से मौत हो जाती है।


डॉक्टर्स ने दिए सुझाव
1 रात में हीटर, अंगीठी आदि जलाकर न सो जाएं
2 डायबिटीज रोगी हीटर से पैर सटाकर न सेंकें
3 डायबिटीज रोगी जाड़े में गजक, पट्टी आदि न खाएं
4 बीपी रोगी जांच कराकर दवा की डोज दुरुस्त कराएं
5 घर में ब्लोअर चलाएं तो एक बाल्टी पानी से भरकर रख लें
6 बीपी रोगी बाहर निकलें तो कान मफलर से बांधे रहें
7 गरिष्ठ भोजन न करें, सोने के एक घंटा पहले खाना खा लें
8 छोटे बच्चों को रात में मोजा आदि पहनाएं रहें
9 रात के कार्यक्रमों में बच्चों को बाहर न ले जाएं
10 घर से बाहर मास्क लगाकर ही निकलें
11 स्मोक न करें
12 रात का बचा भोजन खाने से बचें

Ajay kumar