मायावती के भाई की संपत्ति पर आयकर की छाया, 6 साल पहले हो गया था खुलासा

punjabkesari.in Sunday, Jul 21, 2019 - 01:02 PM (IST)

लखनऊ\नई दिल्ली: हाल ही में बसपा सूप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार की नोएडा  स्थित 400 करोड़ का बेनामी संपत्ति आयकर विभाग ने जब्त की है। बता दें कि कथित तौर पर बेनामी संपत्तियां जुटाने का यह खेल 2007 में मायावती के सीएम बनने का साथ ही शुरू हो गया था। जनवरी 2013 में एक समाचार पत्र ने दावा किया था कि 2007 से 2012 के दौरान आनंद कुमार की कुछ कंपनियों ने करीब 760 करोड़ रुपए के कैश ट्रांजेक्शन किए थे। 31 जनवरी 2013 को समाचार पत्र की रिपोर्ट में कहा गया था कि यूपी में बिजनैस इंट्रेस्ट रखने वाली 3 बड़ी कंपनियों ने आनंद कुमार के सहयोगियों के कारनॉस्टी ग्रुप में बैकडोर से 376 रुपए इंवैस्ट किए गए थे। हालांकि, इन कंपनियों ने कहा था कि सभी ट्रांजेक्शन कानूनी रूप से सही हैं और राज्य सरकार से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

कारनॉस्टी और आनंद कुमार का लिंक
कारनॉस्टी में कुल 14 सब्सिडरीज हैं। ये सारी सब्सिडरीज 2007 में मायावती के सत्ता में आने के बाद बनाई गई थीं। शुभेंदु तिवारी कारनॉस्टी का सभी 14 सब्सिडरी में डायरेक्ट थे। कुमार और कारनॉस्टी के बीच दूसरी अहम कड़ी चार्टर्ड अकाऊटेंट शुभेंदु तिवारी हैं। शुभेंदु कुमार की 2 कंपनियों रैवॉल्यूशनरी रीयल्टर्स और शिवानंद रीयल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर रह चुके हैं। कुमार और कारनॉस्टी ग्रुप के बीच एक बात और कॉमन है। दोनों का चार्टर्ड अकाऊटेंट प्रशांत कुमार एंड एसोसिएट्स है।

49 कंपनियां बनाई बहन के सीएम बनने के बाद
उस दौरान एक समाचार पत्र ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को फाइल किए गए डॉक्यूमेंटस की जांच की थी। इससे पता चला था कि आनंद कुमार की कंट्रोलिंग वाली सिर्फ एक कंपनी का ठोस  बिजनेस है। बाकी कंपनियां  2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद बनाई गई थीं। आनेजद कुमार की में से केवल होटेल-लाइब्रेरी क्लब प्राइवेट लि. ही 2007 से पहले रजिटर्ड हुई थी। बाकी 49 कंपनियां आनंद कुमार ने 2007 में मायावती के यूपी की सीएम बनने का बाद बनाई थीं। उस दौरान इन कंपनियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन बैंक अकाऊंट में करोड़ों रुपए पड़े थे।

ऐसे करवाया गया था निवेश
2007-8 में आनंद कुमार के 2 पूर्व बिजनेस सहयोगियों और उनकी फर्म का जुड़ाव एक-दूसरे बिजनेस ग्रुप कारनॉस्टी मैनेजमेंट प्राइवेट लि. से हुआ था। यह कंपनी सितंबर 2006 में जनकपुरी में रजिटर्ड हुई थी। 2010 से 2012 के बीच में 2 रीयल एस्टेट कंपनियों ने कारनॉस्टी में 335 करोड़ रुपए निवेश किए। हालांकि, इन दोनों कंपनियों का कहना है कि इन्वैस्टमेंट सामान्य बिजनेस ट्रांजैक्शन है।

376 करोड़ रुपए दिग्गज रीयल्टीज का निवेश
मार्च 2012 तक कारनॉस्टी ग्रुप के पास 620 करोड़ की संपत्ति थी। इसमे से 376 करोड़ रुपए दिग्गज रीयल्टी कंपनियों ने निवेश किए थे। गौर करने लायक बात यह है कि बड़े रीयल्टर्स ने कारनॉस्टी में क्लास बी. इक्विटी के जरिए निवेश किया था। क्लास बी. इक्विटी लेने पर निवेश करने वाली कंपनी के पास वोटिंग राइट नहीं होता है। इन रीयल्टी कंपनियों ने 10 रुपए के शेयर के लिए कारनॉस्टी को 1490 रुपए प्रीमियम दिया था।

Anil Kapoor