धार्मिक समारोह में शिवपाल का फिर छलका दर्द, रामायण-महाभारत का जिक्र कर अखिलेश-रामगोपाल पर चलाये सियासी तीर...

punjabkesari.in Tuesday, Jun 14, 2022 - 06:20 PM (IST)

इटावा: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने एक बार फिर इशारों इशारों में अपने भाई प्रो रामगोपाल यादव और भतीजे एवं समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुये कहा कि महाभारत का युद्ध एक गलती के कारण हुआ था जिसने कौरवों के अस्तित्व को ही खत्म कर दिया।       

अपने निर्वाचन क्षेत्र जसवंतनगर के चौबेपुर में आयोजित एक धार्मिक समारोह में सोमवार रात शिरकत करते हुये शिवपाल ने खुद को भगवान राम के छोटे भाई भरत और द्वापर में विष्णु अवतार भगवान श्री कृष्ण के चरित्र से जोड़ते हुये कहा कि संकट से कोई बच नहीं सका है। चाहे वह साधारण शख्स हो या फिर भगवान माने जाने वाला कोई महापुरूष रहा हो। संकट तो भगवान राम पर भी आया। भगवान राम का राजतिलक होने जा रहा है लेकिन कैकई के कारण उनको 14 साल वनवास की सजा दे दी गई।       

उन्होंने कहा कि राम के वनवास के बाद भरत ने राम की चरण पादुका रख कर 14 साल राजपाट चलाया लेकिन किसी को भी सवाल खड़ा होने का कोई मौका नहीं दिया जबकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म जेल में हुआ था। उनके मामा कंस ने अपनी बहन देवकी और बहनोई को जेल में डाल दिया था। जहां पर श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।      

बगैर अखिलेश, रामगोपाल का नाम लिये प्रसपा अध्यक्ष ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि कौरवों और पांडवों के बीच में महाभारत का युद्ध नहीं होता लेकिन एक गलती कें कारण युद्ध के हालात बन गए। पांडवों को जुआ नहीं खेलना चाहिए था अगर जुआ खेलना ही था तो दुर्योधन से खेलना चाहिए था, शकुनी से जुआ नहीं खेलना चाहिए था। पांडव ने तो केवल 5 गांव मांग रहे थे अगर पांडवों को 5 गांव मिल गए होते तो युद्ध होता हीं नहीं। कौरवों और पांडवों के बीच जब युद्ध हुआ तो श्री कृष्ण पांडवों के सारथी बने और युद्ध पांडवों में जीत लिया।      

बेहद दार्शनिक अंदाज में शिवपाल ने कहा ‘‘ कौरव सबसे शक्तिशाली और ताकतवर थे लेकिन भगवान श्री कृष्ण के पांडवों के सारथी बनने से महाभारत का युद्ध पांडवों ने जीत लिया।'' करीब डेढ घंटे तक धार्मिक समारोह में रहे शिवपाल चौबेपुर गांव के लोगों से दिल खोल कर मिले और उनकी बातों को सुना।

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Mamta Yadav