BJP के लिए नोटबंदी का गुड़ कड़वा साबित होगा: शिवपाल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 14, 2016 - 09:44 AM (IST)

लखनऊ: सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए नोटबंदी का गुड़ कड़वा साबित होगा और उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के चुनाव परिणाम इसका उदाहरण बनेंगे। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी योजना लगतार अवैध रुप से जमा की गई भारी मात्रा नई करेंसी पकड़े जाने से साबित हो गया है कि सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। बड़े लोग कालेधन को सफेद करने में कामयाब हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के तहत आने वाले बैंक भी खुद कालेधन को सफेद बनाने में लगे हुए हैं। इससे ये पता लगता है कि कालाधन तो सफेद हो गया लेकिन इसकी मार आम आदमी, गरीब, मजदूर, किसान और छोटे व्यापारियों पर ही पड़ रही है जबकि केंद्र की भाजपा सरकार केवल बयानबाजी में लगी है। सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और बैंकों के अधिकारी और कर्मचारियों के पकड़े जाने से इस योजना को अमलीजामा पहनाने वाले सिस्टम की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि आम नागरिक, गरीब, मजदूर और कुछ व्यापारी ही रुपयों के लिए जहां लाईनों में लगे हैं वहीं बड़े लोगों के पास से करोड़ों की नई करेंसी पकड़ी जा रही है। इससे यह साबित होता है कि प्रधानमंत्री की इस योजना से केवल गरीब, मजदूर और कम पूंजी वाले आम लोग ही परेशान हैं।

नोटबंदी से दिहाड़ी मजदूरों की कमर टूट गई
यादव ने कहा कि भाजपा नेता और कार्यकर्त्ताओं की समझ में आने लगा है कि 35 दिन बीत जाने के बावजूद भी लोगों की कठिनाईयां अभी तक बदस्तूर जारी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नोटबन्दी से देश की जनता बेहद परेशान हैं। केन्द्र के एकाएक तानाशाही पूर्ण इस फैसले से गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की कमर टूट गई है। व्यापारियों का धंधा चौपट हो गया है। आज भी बैंकों और एटीएम के सामने लोगों की लंबी लाइनें लगी हुई है। लगभग 80 फीसदी लोहे के डिब्बे(एटीएम) लोगों को पैसा देने में नाकाम ही रहे हैं।

लोग अपने वेतन के पैसे तक नहीं निकाल पा रहे
उन्होंने सवाल कि दुनिया के किसी भी देश में इस प्रकार की व्यवस्था नहीं है कि लोग बैंकों में जमा अपना ही पैसा न निकाल पाएं। लोग अपने वेतन के पैसे तक नहीं निकाल पा रहे हैं। इस योजना से सबसे ज्यादा परेशान ग्रामीण लोग हो रहे हैं। गांवों में शिक्षा का अभाव है। बिजली नहीं है, इलेक्ट्रोनिक्स चीजों का अभाव है। उन्होंने कहा कि किसान, मजदूर और गरीब आदमी अभी इतना हाइटेक नहीं हुआ है। इसके लिए उन्हें समय दिया जाना चाहिए था कि वह आनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए अपने को तैयार कर सके।

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