जिस जमीन को लेकर सोनभद्र में हुआ नरसंहार, उसको लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा

punjabkesari.in Saturday, Jan 04, 2020 - 06:54 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के आदर्श सहकारी कृषि समिति उम्भा में पिछले साल जुलाई में हुए खूनी संघर्ष के बाद राज्य के राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है जिसमें करीब 20 हजार बीघा जमीन पर कथित रूप से अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। 

सरकारी सूत्रों ने कहा, ''मुख्यमंत्री की ओर से कराई गई जांच में 20 हजार बीघा जमीन पर अवैध कब्जे का खुलासा हुआ है। ये सभी जमीनें मिर्जापुर के गोपालपुर में ग्राम समाज की हैं । यह ज़मीन स्कूल, अस्पताल, स्टेडियम, गरीबों के आवास, आंगनबाडी केन्द्र, सामूहिक विवाह केन्द्र और उद्योग के लिए दी जानी थी। इसके अलावा यही जमीनें दलितों और गरीबों को पट्टे पर दी जानी थीं ।'' 



सूत्रों ने दावा किया कि जमीनें फर्जी सहकारी समितियां बनाकर हड़पी गयीं। एक अधिकारी ने बताया कि नियमानुसार सहकारी समितियां अंशदान (रकम या भूमि के रूप में) के माध्यम से बनायी जाती हैं और फिर इस अंशदान से जमीनें खरीदी जाती हैं तथा अंशदान के मुताबिक सभी को उसका लाभांश प्राप्त होता है। उन्होंने कहा, “इस तरह की कोई प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी। मात्र सहकारी समिति का नाम दिया गया और ग्राम समाज की जमीनों को अवैध रूप से पटटा करा लिया गया।” 

सूत्रों ने बताया कि इस घोटाले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं।उन्होंने बताया कि अपर मुख्य सचिव (राजस्व) रेणुका कुमार की अगुवाई वाली समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है और सरकार इस मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है । उल्लेखनीय है कि उम्भा में जमीनों पर कथित अवैध कब्जे के खिलाफ जब आदिवासियों और ग्रामीणों ने पिछले साल जुलाई में आवाज उठायी थी तब भूमाफियाओं के साथ हुए खूनी संघर्ष में कम से कम दस लोगों की मौत हो गयी थी । उन्होंने बताया कि योगी सरकार जमीनों को घोटालेबाजों के चंगुल से वापस लाने की तैयारी में है और ये जमीन लोगों के कल्याण के लिए इस्तेमाल की जाएगी।



सूत्रों ने बताया कि मिर्जापुर में 26 और सोनभद्र में 12 समितियों के जरिए गैर कानूनी तरीके से बेशकीमती जमीनों पर कब्जा किया गया। उन्होंने बताया कि 26 समितियों के माध्यम से मिर्जापुर में 14 हजार 77 बीघा जमीन और सोनभद्र की 12 समितियों के माध्यम से पांच हजार 740 बीघे जमीन हथियाई गयी। उनका कहना है कि इसी तरह की अन्य समितियों की भी जांच जारी है, जिनमें कई के दस्तावेज गायब कर दिये गये और तमाम रिकार्ड नष्ट कर दिये गये हैं। सूत्रों का दावा है कि जांच आगे बढी तो घपला 20 हजार बीघे से ज्यादा का भी निकल सकता है। 

सूत्रों ने बताया कि इन जमीनों पर कब्जे के खिलाफ जब आदिवासियों और ग्रामीणों ने आवाज उठायी तब भूमाफिया ने उन पर अत्याचार किये। इसी के परिणामस्वरूप उम्भा की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई और इसके बाद कुमार की अध्यक्षता में छह सदस्यीय जांच समिति गठित की गयी थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंपी है।  

Ajay kumar