विकास दुबे की मौत के बाद बिकरू गांव पहुंची SIT, तहकीकात में बेपर्दा होंगे कनेक्शन

punjabkesari.in Sunday, Jul 12, 2020 - 03:32 PM (IST)

कानपुरः कुख्यात अपराधी विकास दुबे का तो खात्मा हो गया है, लेकिन अब उसको पालने पोसने वाले अधिकारियों और नेताओं पर शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है। जिसके चलते रविवार को अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी की टीम विकास दुबे के गांव बिकरू पहुंची। यहां टीम ने लोगों से पूछताछ की। सीओ के मारे जाने वाले स्थल और पांच सिपाही के मारे जाने वाली जगह का बारीकी से निरीक्षण किया। SIT बिकरू गांव में इस हत्याकांड से जुड़े तमाम पहलुओं की जांच कर रही है।

बता दें कि राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित इस एसआईटी में अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और डीआईजी रवींद्र गौड़ सदस्य हैं। इस टीम को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देनी है। घटना जुड़े कई बिंदुओं पर एसआईटी जांच कर रही है। SIT को कहा गया है कि वो ये जांच करे कि विकास दुबे के खिलाफ दर्ज FIR में क्या-क्या कदम उठाए गए थे।

SIT के सदस्यों ने दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे के ढहाये गये आवास का कोना कोना देखा और पड़ोस के उसके मामा के घर भी गये जहां कोतवाल देवेन्द्र मिश्र की विकास और उसके साथियों ने नृशंस हत्या कर दी थी। रविन्द्र ने उस स्थान का भी बारीकी से निरीक्षण किया जहां विकास ने एक के ऊपर एक पांच पुलिसकर्मियों के शवों को रख दिया था।

एसआईटी के सदस्यों ने स्थानीय ग्रामीणों से अलग अलग बात कर घटना की रात की सच्चाई जानने की कोशिश की। इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव तिवारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी भी मौजूद थे जो एसआईटी की टीम के आने की सूचना के बाद यहां पहुंचे थे।  सूत्रों ने बताया कि एसआईटी के सदस्य वारदात के चंद घंटो बाद दो अपराधियों के मुठभेड़ में ढेर किये जाने के स्थान का मुआयना करने के साथ चौबेपुर थाने भी जा सकते है जहां के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को गिरफ्तार कर लगभग समूचे स्टाफ को लाइनहाजिर कर दिया गया था।

गौरतलब है कि बिकरू गांव में दो जुलाई की रात पुलिस टीम पर हमले और मुख्य आरोपी विकास दुबे से जुड़े मामलों की पड़ताल के लिये सरकार ने शनिवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय विशेष जांच दल को विकास से जुड़े हर मामले की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपने के लिये 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ एसआईटी के सदस्य हैं।

एसआईटी पिछले शुक्रवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे के खिलाफ दर्ज मामलों में की गयी कार्यवाही की समीक्षा करेगा। जांच दल यह भी पता करेगा कि दुर्दांत गैंगस्टर और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिये की गयी कार्यवाही क्या पर्याप्त थी। 60 से अधिक मुकदमों में वांछित अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी।

उन्होंने बताया कि एसआईटी के एजेंडे में यह भी शामिल किया गया है कि अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध कितनी जन-शिकायतें आयीं और उन पर थानाध्यक्ष चौबेपुर तथा जिले के अन्य अधिकारियों ने क्या जांच की और पाये गये तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की। सूत्रों ने बताया कि एसआईटी में शामिल अधिकारी पता करेंगे कि विकास तथा उसके साथियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, एनएसए आदि अधिनियमों के अन्तर्गत क्या कार्यवाही की गयी तथा यदि कार्यवाही किये जाने में लापरवाही रही तो किस स्तर पर लापरवाही रही। उन्होंने बताया कि जांच दल विकास एवं उसके साथियों के पिछले एक वर्ष के सीडीआर का परीक्षण करेगा एवं उसके सम्पकर् में आये सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता की साक्ष्य मिलने की दशा में उपयुक्त एवं कडी कार्यवाही करनें की अनुशंसा करेगा।

Tamanna Bhardwaj