समाजवाद सबसे बड़ा पाखण्ड, रामराज्य से ही चलेगा देश, योगी ने अखिलेश को दिया जवाब

punjabkesari.in Thursday, Mar 02, 2023 - 01:13 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बुधवार को विधानसभा (Assembly) में समाजवाद (Samajwad)  को नेताओं को अपने लोगों को शक्तिशाली बनाने का सबसे बड़ा पाखण्ड करार देते हुए कहा कि यह देश समाजवाद से नहीं बल्कि राम राज्य (Ramraj) से ही चलेगा।
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मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2023—24 के लिये सदन में प्रस्तुत बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए समाजवाद को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने समाजवाद को अप्रासंगि(Ramraj) क बताते हुए कहा ''यह देश रामराज्‍य से ही चलेगा। यह बजट रामराज्य की आधारशिला बनने जा रहा है। इस वर्ष भगवान राम का भव्य मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा। समाजवाद दुनिया में कहीं भी समृद्धि नहीं लाया है। इसका असली मॉडल इस वक्त शिवपाल जी हैं। यह एक बहुरुपिया ब्रांड है।'' उन्होंने सपा सदस्य शिवपाल सिंह यादव से मुखातिब होते हुए कहा, ''आपकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी कहां गयी। लोकतांत्रिक समाजवाद, प्रजातांत्रिक समाजवाद भी है, प्रगतिशील समाजवाद भी है और पारिवारिक समाजवाद भी है। यह क्या प्रदेश का कल्याण कर पायेगा। इसके बारे में बार-बार कहा जाता है कि यह एक मृगतृष्णा है, जिसके बारे में कहा गया है कि यह अमीरों को गरीब बनाता है, गरीबों को गुलाम बनाता है, बुद्धिजीवियों को बेवकूफ बनाता है। केवल नेताओं को अपने लोगों को शक्तिशाली बनाने का आज के दिन का सबसे बड़ा पाखण्ड है समाजवाद।''
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योगी ने कहा ''भारत को समाजवाद की जरूरत नहीं है। उत्तर प्रदेश रामराज्य की धरती है और वह इसी भाव के साथ आगे बढ़ रहा है। आर्थिक सम्पन्नता, विकासोन्मुख समाज, राजनीतिक अखण्डता का निर्माण ही प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली ला सकता है।'' गौरतलब है कि सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को बजट पर चर्चा में हिस्‍सा लेते हुए सरकार पर निशाना साधा था। उन्‍होंने कहा था, ''सरकार को समाजवादी सिद्धांत को समझना होगा। सबका साथ, सबका विकास या राम राज्‍य बिना समाजवाद के संभव नहीं है।'' आदित्यनाथ ने कहा ''हम अपनी विरासत को पहचानें। हम दूसरी ओर क्यों देखना चाहते हैं। भगवान राम और कृष्ण यहां पैदा हुए। भगवान शिव का काशी विश्वनाथ धाम दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी है, दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन यानी कुम्भ यहीं होता है। इसे अनोखा कार्यक्रम बनाने के लिये इसी बजट में व्यवस्था की गयी है।''


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Mamta Yadav

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