आलू के 650 समर्थन मूल्य की घोषणा से कहीं किसान खुश तो कहीं परेशान, बोले- जब हमारा आलू मिट्टी के भाव बिक चुका तब सरकार को आई याद

punjabkesari.in Tuesday, Mar 14, 2023 - 01:57 PM (IST)

फर्रुखाबाद (दिलीप कटियार): उत्तर प्रदेश सरकार ने आलू बदहाली को लेकर 650 समर्थन मूल्य की घोषणा से किसानों मे कही ख़ुशी दिख रही तो कहीं किसान परेशान दिखाई दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि, जब हमारा आलू बाजार मे मिट्टी के भाव बिक चुका तब प्रदेश सरकार को किसानों की याद आई है। किसानों को आलू के कच्चे पक्के सीजन में गत वर्ष की भांति भाव न मिलने के चलते इस बार काफी घाटा उठाना पड़ रहा है। फसल का मोल न मिलने से किसानों की हालत दयनीय हो गई है।



बता दें कि, सरकार ने किसानों के आलू की खरीद की घोषणा की है। इस घोषणा से यहां के सामान्य आलू पैदा करने वाले किसानों में एक आस जगी है। उनका आलू सरकार 650 रुपये क्विंटल की दर से खरीद लेगी, लेकिन अभी यह निश्चित नहीं है कि सरकार सुपर क्वालिटी का आलू खरीदेगी या सामान्य आलू। जिले में हुई आलू कि बंपर पैदावार से कच्चे व पक्के सीजन में अच्छे भाव की उम्मीद थी। कच्चे सीजन में ही मंडी में आवक अधिक होने के चलते भाव गत वर्ष 1000 रुपये प्रति क्विंटल की अपेक्षा इस बार सामान्य आलू 300 से 350 रुपये प्रति क्विंटल पर ही टिका रहा। ऐसी स्थिति में किसानों को उनकी लागत निकालना भी मुश्किल हो गया।

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किसानों द्वारा हाय तौबा मचाए जाने के उपरांत सरकार ने आलू किसानों की दुर्दशा की सुध लेते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह को जायजा लेने के लिए भेजा था। किसानों की स्थिति से वाकिफ होकर सरकार ने 650 रुपये प्रति क्विंटल आलू खरीदने की घोषणा की है। आलू आढ़ती एसोसिएशन अध्यक्ष सुधीर वर्मा ने बताया कि मंडी में आलू कि आवक मई तक बनी रहेगी। बताया कि सुपर छट्टा क्वालिटी का आलू आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र को भेजा जा रहा है। इन प्रदेशों में भेजे जाने वाले आलू की आवक मंडी में कुल आने वाले आलू की 15 प्रतिशत ही है। शेष 85 प्रतिशत आलू चेचक मिक्स है। जिसे प्रदेश की पूर्वांचल के जनपदों के साथ ही पड़ोसी जनपदों के व्यापारियों द्वारा खरीदा जा रहा है।

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किसानों को आलू बेचने में हुई थी काफी कठिनाई-किसान
मंडी में सामान्य आलू का भाव 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल, सामान्य छट्टा आलू 441 से 501 रुपये प्रति क्विंटल, छट्टा सुपर आलू का भाव 551 से 651 रुपये प्रति क्विंटल पर बना हुआ है। सरकारी खरीद की घोषणा से उन किसानों में आस जगी है जिनका आलू 300 से 400 रुपये क्विंटल ही बिक रहा है। लेकिन किसानों का मानना है कि सरकार ने यदि ग्रेडिंग का आलू लिया तो उन्हें इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। विगत वर्षों सरकार ने आलू की सरकारी खरीद की थी। इसमें एक निश्चित आकार का सुपर छट्टा आलू ही खरीदा गया था। उस समय आलू लेकर क्रय केंद्रों पर पहुंचे किसानों को आलू बेचने में काफी कठिनाई हुई थी। यदि इस बार भी सरकार उन्नत और उच्च किस्म का आलू खरीदती है, तो किसानों का कोई भी भला नहीं होने वाला है।



योजना धरातल पर उतरने से पहले अधिकतम फसल बिक जाएगी- किसान
मंडी में आलू बेचने आए किसानों का मानना है, कि सरकार ने अभी तो सरकारी खरीद की घोषणा की है। जब तक सरकार की यह योजना धरातल पर उतरेगी। क्रय केंद्र खोलने के आदेश होंगे। तब तक आलू की अधिकतम फसल बिक चुकी होगी। बाजार में शेष बचे आलू की कीमत सरकारी खरीद से कहीं अधिक होगी। तब किसान सरकार को कम दाम में आलू क्यों बेचेगा।

Content Editor

Pooja Gill