Loksabha Election 2019: एक नजर बागपत सीट पर

punjabkesari.in Wednesday, Mar 27, 2019 - 05:18 PM (IST)

बागपतः उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बागपत लोकसभा सीट पर चुनाव हमेशा दिलचस्प होता है। यह सीट 1967 में अस्तित्व में आई। पहले चुनाव में इस सीट पर जनसंघ ने और दूसरे चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की, लेकिन इमरजेंसी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस सीट का चुनावी समीकरण ही बदल गया।



आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह चुनाव जीते। उसके बाद हुए 1980 और 1984 के चुनाव में भी चौधरी चरण सिंह ने ही जीत दर्ज की। ये कहना भी गलत नहीं होगा कि 1977 के बाद से ये एक पारिवारिक सीट बन गई, क्योंकि चौधरी चरण सिंह के बाद उनके बेटे अजित सिंह यहां से 6 बार सांसद रहे। अजित सिंह ने 1989, 1991, 1996, 1999, 2004 और 2009 में इस सीट से सांसद रहे। सिर्फ 1998 में हुए चुनाव में सिंह को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में तो अजित सिंह तीसरे नंबर पर पहुंच गए। बीजेपी प्रत्याशी सतपाल सिंह ने अजित सिंह को 2 लाख वोटों के अंतर से हराया।



इस लोकसभा में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं।
बागपत लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें बागपत जिले की छपरौली, बड़ौत, बागपत, गाजियाबाद जिले की मोदी नगर और मेरठ जिले की सिवालखास विधानसभा सीट शामिल हैं।



2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सिर्फ छपरौली पर राष्ट्रीय लोकदल ने जीत दर्ज की थी। जबकि बाकी 4 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सतपाल सिंह ने अजित सिंह को 2 लाख से अधिक वोटों से हराया। जबकि अजित सिंह को 20 फीसदी से भी कम वोटों से संतोष करना पड़ा।



2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद सत्यपाल सिंह चुनाव लड़े, और जाटों के कद्दावर नेता अजित सिंह को मात दी। सत्यपाल सिंह को 4 लाख 23 हज़ार 475 वोट मिले थे। जबकि समाजवादी पार्टी के गुलाम मोहम्मद को 2 लाख 13 हज़ार 609 वोट मिले थे। वहीं अजित सिंह को 1 लाख 99 हज़ार 516 वोटों से ही संतोष करना पड़ा।



साल 2009 की बात करें तो। चौधरी अजित सिंह इस सीट से सांसद थे। अजित सिंह ने बसपा के मुकेश सहनी को हराया था। अजित सिंह को 2 लाख 38 हज़ार 638 वोट मिले थे। जबकि बसपा के मुकेश साहनी को 1 लाख 75 हज़ार 611 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के सोमपाल थे, जिन्हें1 लाख 36 हज़ार 964 वोट मिले थे।



साल 2004 की बात करें तो चौधरी अजित सिंह इस सीट से सांसद थे। अजित सिंह ने बसपा के औलाद अली को भारी मतों के अंतर से हराया था। अजित सिंह को 3 लाख 53 हज़ार 181 वोट मिले थे, जबकि बसपा के औलाद अली को 1 लाख 32 हज़ार 543 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के सत्यापाल सिंह थे, जिन्हें 1 लाख 2 हज़ार 317 वोट मिले थे।



2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बागपत सीट पर 15 लाख 92 हज़ार 297 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 80 हज़ार 325 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 11 हज़ार 870 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 102 है।

Ruby